बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

तेजस्वी का नीतीश को खुला चैलेंज! फ्लोर पर बहुमत साबित कर दिखाएं...मांझी की नाराजगी का फायदा,चिराग सहनी भी अंदरखाने से कर सकते हैं बड़ा खेल

तेजस्वी का नीतीश को खुला चैलेंज! फ्लोर पर बहुमत साबित कर दिखाएं...मांझी की नाराजगी का फायदा,चिराग सहनी भी अंदरखाने से कर सकते हैं बड़ा खेल

पटना- बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले ही सियासत पारा चरम पर है.  एक तरफ कांग्रेस में टूट का डर है तो दूसरी तरफ बिहार के सत्ताधारी गठबंधन एनडीए में भी प्रेशर पॉलिटिक्स का दौर है तो वहीं राजद एनडीए समर्थित नीतीश सरकार को लगातार खेला होने की बात कर चैलेंज दे रहा है. मांझी, मुकेश सहनी और चिराग अलग हीं टेंशन बढ़ाए हुए हैं. बिहार में एनडीए सरकार का 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट है. इससे पहले खूब बयानबाजी हो रही है. फ्लोर टेस्ट से पहले एनडीए खेमे में घमासान देखने को मिल रहा है. हम संरक्षक और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी अपनी पार्टी के लिए 2 मंत्री पद को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं.  राजद की ओर से खेला किए जाने के दावे लगातार किए जा रहे हैं. राजद की ओर से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को सरकार बचाने का चैलेंज दिया गया है. राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि पहले 12 तारीख को फ्लोर टेस्ट में अपनी सरकार बचा लें. उसके बाद ही ज्ञान दें. इसे लेकर सियासत गर्म है. इसी बीच जब  'खेला होने' के राजद नेताओं के बयान पर विधायक भाई वीरेंद्र से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि अभी राज को राज ही रहने दीजिए, राज से पर्दा ना उठाइए.उन्होंने कहा कि 12 फरवरी को जो 'खेला होगा' उसे देखिएगा, देखते जाइए आगे क्या-क्या होता है. 

नीतीश पर करारा प्रहार करते हुए शक्ति यादव ने कहा कि आप लोग याद कीजिए कि जब हमारे साथ थे तब यही कहा था कि 'अब मर जाएंगे, मिट जाएंगे, लेकिन, भाजपा के साथ नहीं जाएंगे. शक्ति यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव ने जो एलान किया है वो ऐसा खेला होगा कि कौन खिलौना से खेलेगा और कौन आग से खेलेगा ये पता चल जाएगा. आरजेडी भले ही एनडीए सरकार गिराने के दावे कर रही हो, लेकिन घबराहट कांग्रेस खेमे में देखने को मिल रही है. कांग्रेस ने अपने 19 में से 16 विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है. बाकी 3 विधायक कहां हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है. हालांकि, विधानसभा में बीजेपी और जेडीयू के संख्याबल को देखते हुए मुख्यमंत्री काफी निश्चिंत बताए जा रहे हैं. 

शक्ति यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव ने जो एलान किया है वो ऐसा खेला होगा कि कौन खिलौना से खेलेगा और कौन आग से खेलेगा ये पता चल जाएगा. राजद भले ही एनडीए सरकार गिराने के दावे कर रही हो, लेकिन घबराहट कांग्रेस खेमे में देखने को मिल रही है. कांग्रेस ने अपने 19 में से 16 विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है. बाकी 3 विधायक कहां हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है. हालांकि, विधानसभा में भाजपा और जदयू के संख्याबल को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश टेंशन में नहीं हैं. 

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भाजपा ने जद यू अध्यक्ष नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करके राज्य में अपनी सरकार बनाने का संकल्प नहीं छोड़ा है. चौधरी ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए एक कठिन फैसला था. राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर इसकी खूब चर्चा हुई और आखिरकार बिहार में ‘जंगलराज’ लाने वाले राजद को सत्ता से बाहर करने का फैसला लिया गया. भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि हम जिस भी गठबंधन का हिस्सा हैं, उसका तब तक सम्मान करते हैं, जब तक वह बना हुआ है.  हम नीतीश कुमार के साथ भी ऐसा ही करेंगे, जिन्हें ‘इंडी एलायंस’ के लोगों ने प्रधानमंत्री पद के वादे के साथ लुभाया था, लेकिन उन्हें सही समय पर एहसास हुआ कि यह केवल भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए बनाया गया एक समूह है.  

जदयू के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार ने  को विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के इस दावे को खारिज किया कि उन्हें उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बारे में ‘‘बुधवार को ही’’ पता चला और वह इस मामले पर निर्णय लेने में अपना समय ले सकते हैं. नियमानुसार नोटिस प्राप्ति के 14 दिन के भीतर मामले में फैसला करना होता है. कुमार जद (यू) के मुख्य सचेतक भी हैं. 28 जनवरी को विधानसभा सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सौंपा था और इस प्रकार 14 दिन की अवधि 11 फरवरी को समाप्त हो रही है.  अगले दिन 12 फरवरी को बजट सत्र शुरू होगा, जब नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए  सरकार विश्वास मत हासिल करेगी

इससे पहले स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि मैं इस्तीफा नहीं देने जा रहा हूं. मैं 12 फरवरी को विधानसभा में रहूंगा और नियमों के मुताबिक सदन की कार्यवाही संचालित करूंगा.चौधरी ने कहा था कि नियमों के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव नोटिस मिलने के 14 दिन के भीतर निर्णय करना चाहिए, यह नोटिस मुझे बुधवार को ही मिला है. इस पर  श्रवण कुमार ने कहा कि उन्होंने 28 जनवरी को शाम को हीं एनडीए गठबंधन सहयोगियों के नौ विधायकों द्वारा हस्ताक्षरित अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित नोटिस दिया था.  श्रवण कुमार ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अध्यक्ष 11 फरवरी से पहले उचित निर्णय लेंगे. 

बहरहाल एनडीए समर्थित नीतीश सरकार को मुख्य विपक्षी दल राजद लगातार चैलेंज कर रहा है तो एनडीए के भीतर भी दबाव की राजनीति चल रही है. चिराग पासवान , जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी की अपनी अलग मांग है.वहीं विधानसाभा के स्पीकर अलग हीं नीतीश का टेंशन बढ़ाए हुए हैं. ऐसे में इंतजार है तो 12 फरवरी का...

Suggested News