मुजफ्फरपुर- नेपाल में लगातर हो रही बारिश और बिहार में मॉनसून के दस्तक देते हीं बागमती नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. जिससे एक बार फिर मुजफ्फरपुर के औराई और कटरा के कई गांवों पर मड़राने लगा जिससे लोगो की भीतर एक बार फिर बाढ़ का खतरा बाढ़ का खतरा सताने लगा है.
आपकों बताते चलें कि मुजफ्फरपुर जिले से होकर कई प्रमुख नदियां गुजरती हैं जिसमे बागमती बूढ़ी गंडक और कई अन्य नदियां है, जो मुजफ्फरपुर होकर गुजरती हैं. वहीं नेपाल में लगातार बारिश होती हैं तो सभी नदियों का जलस्तर बढ़ने लगता है.
बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है वहीं हजारों परिवार को अपना आशियाना छोड़ अन्य स्थानों पर शरण लेना पड़ता है .साथ ही मुजफ्फरपुर के औराई और कटरा के लोगो के लिए बाद और भी ज्यादा मुसीबत लेकर आती है क्योंकि आजादी के 77 वर्ष बाद भी औराई और कटरा के लोगों के लिए चचरी और पीपा पुल ही आवागमन का एकमात्र सहारा है ,जो बागमती नदी में जलस्तर बढ़ने के साथ ही ध्वस्त हो जाती है और लोगों को औराई और कटरा प्रखंड मुख्यालय आने और जाने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा होता है नहीं तो फिर तकरीबन 50 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय लोगों को आना पड़ता है .
कटरा के स्थानीय लोगों से बातचीत की तो उनका कहना है कि हर 5 सालों के बाद चुनाव होता है तो तमाम नेता यहां आते हैं पूल बनाने का वादा करते हैं और चले जाते हैं लेकिन यहां के आम जनता की समस्या आजादी के 77 वर्षों के बाद भी जस का तस है.
जब बागमती नदी का जलस्तर बढ़ जाता है तो औराई और कटरा प्रखंड के दर्जनों ऐसे गांव हैं जिनका संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट जाता है जिसके बाद लोग अपना जान जोखिम में डालकर नाव से बागमती नदी को पार कर प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचते हैं नहीं तो फिर उन्हें अतिरिक्त 50 किलोमीटर की दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय पहुंचना पड़ता है.
रिर्पोट- मणि भूषण शर्मा