Patna High Court News : पटना हाइकोर्ट में खगडिया के एसपी ने कोर्ट के आदेशानुसार अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किया। इस रिपोर्ट में एसपी, खगड़िया ने बताया कि मामले की स्वयं जाँच कर पुलिस पदाधिकारियो को दोषी पाया और सभी से कारण पृच्छा मांगा गया। जाँच में 2 डीएसपी, 3 दारोगा व 2 सिपाही की संदिग्ध भूमिका सामने आई हैं। पिछली सुनवाई में जस्टिस चंद्रशेखर झा ने प्रभात यादव एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए एस पी खगड़िया को जांच का निर्देश दिया था ।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ओम प्रकाश कुमार ने बताया कि एस पी के जाँच में पाया गया कि तथ्यों की विवेचना से स्पष्ट है कि विधि विज्ञान प्रोयगशाला, बिहार, पटना से प्राप्त एफएसएल जांच रिपोर्ट का बिना अवलोकन किये ही अंतिम प्रगति प्रतिवेदन निर्गत किया गया। इस कारण अभियोजन साक्ष्य प्रभावित हुआ है। आगे एसपी, खगड़िया के जाँच में यह भी पाया गया कि एफएसएल रिपोर्ट में फायर होने की पुष्टि नही हुई है। उसके बाद भी फायर किए जाने का उल्लेख अंतिम प्रतिवेदन में है।
अधिवक्ता ने यह भी बताया कि अभी तक लाइसेंसी रायफल थाना में ही है, और थाना के द्वारा बताया गया है कि जबतक केस कोर्ट से खत्म नही हो जाता, रायफल नही छोड़ा जाएगा। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ओम प्रकाश ने बताया कि ये मामला वर्ष 2018 का है। वादी के घर पर जब सत्यनारायण भगवान की पूजा हो रहा था, तो किसी ने पुलिस को गलत सूचना दे दी कि वादी के घर उनके ही लाइसेंसी रायफल से हवाई फायरिंग किया जा रहा है।
इस पर पुलिस वादी के घर पहुंची और घटना की जानकारी ली, लेकिन घटना की पुष्टि नही हो पाई। पुलिस ने परिवार में एक पूर्व सांसद होने के कारण कुछ प्रतिद्वंद्वी के राजनीतिक दबाव में आकर पुलिस ने वादी के भतीजा को गिरफ्तार कर थाना लेकर चली गयी। इस मामलें की अगली सुनवाई 7 मार्च, 2025 को होनी है।