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91 हजार भारतीय छात्रों की छूट जाएगी पढ़ाई, सरकार का एक निर्णय बना बड़ी मुसीबत, लाखों लोग नाराज

91 हजार भारतीय छात्रों की छूट जाएगी पढ़ाई, सरकार का एक निर्णय बना बड़ी मुसीबत, लाखों लोग नाराज

DESK: भारत के 91 हजार छात्रों की पढ़ाई पर सरकार के एक निर्णय के कारण मुसीबत बन गई है। दरअसल, ब्रिटेन की ऋषि सुनक सरकार भारतीय छात्रों को बड़ा झटका देने वाली है। सरकार की माइग्रेशन एडवाइजरी कमिटी ने ग्रेजुएट वीजा रूट को बंद करने की रिपोर्ट बनाई है। एक रिपोर्ट की मानें, तो मंगलवार यानी आज सुनक कैबिनेट में इस रिपोर्ट को पेश गई. अगर इसके प्रावधान लागू होते हैं तो हर साल करीब 91 हजार भारतीय छात्रों को ग्रेजुएशन रूट से वीजा एंट्री नहीं मिल पाएगी। 

वहीं अभी हर साल करीब एक लाख 30 हजार भारतीय छात्रों को इसके जरिए एंट्री मिलती है। कटौती के बाद केवल 39 हजार छात्रों को ही एंट्री मिल पाएगी। बता दें कि 2021 में शुरू हुए ग्रेजुएशन वीजा रूट से भारतीय और अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों को मास्टर्स पढ़ाई पूरे होने के दो साल तक ब्रिटेन में रहने और जॉब करने की अनुमति मिलती है। सरकार की इस प्लानिंग के बाद से विपक्ष की लेबर पार्टी के अध्यक्ष कीथ स्ट्रेमर का कहना है कि सरकार का यह फैसला चुनावी साल में भारी पड़ने वाला है।

इससे ब्रिटेन में रहने वाले 25 लाख भारतीय वोटर नाराज हैं। छात्रों को ग्रेजुएशन वीजा मिलने से उनका इमिग्रेशन का दावा मजबूत होता है, क्योंकि पढ़ाई के दो साल तक स्टे की छूट मिलने से इन छात्रों को स्किल्ड वर्कर की कैटिगरी मिल जाती है। भारतीय छात्रों में से लगभग 80 प्रतिशत यहां मेडिकल, इंजीनियरिंग अथवा लॉ की पढ़ाई के लिए आते हैं। पढ़ाई के बाद इन्हें एक्सटेंडेंड स्टे के दौरान स्किल्ड वर्कर की सैलरी मिलती है। 

ब्रिटेन के गृहमंत्री जेम्स क्लैवरली का कहना है कि देखने में आया है कि इस वीजा का इस्तेमाल छात्र इमिग्रेशन पाने के लिए करते हैं। तीन साल पहले 6 लाख छात्रों को यहां एंट्री मिली थी। वर्ष 2021 में ब्रिटेन जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 87045 थी, जो 2022 में बढ़कर 139700 हो गई। वहीं, 2023 में 130000 छात्र ब्रिटेन पढ़ाई के लिए पहुंचे हैं।

ग्रेजुएट रूट वीजा के तहत ब्रिटेन से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र देश में काम करने, रहने या काम की तलाश करने के आवेदन कर सकते हैं। ये अंतरराष्ट्रीय छात्र 2 साल तक ब्रिटेन में रहने के लिए आवेदन कर सकते हैं, जबकि पीएचडी करने वाले छात्र 3 साल तक रहने के लिए आवेदन कर सकते हैं। ग्रेजुएट रूट वीजा को जुलाई 2021 में तत्कालीन गृहमंत्री प्रीति पटेल ने लागू किया था।

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