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...जब सरेराह गोलियों से भून दिए गए थे सपा विधायक जवाहर यादव, प्रयागराज में पहली बार 22 साल पहले गूंजी थी एके 47, अब समय से पहले रिहा होंगे सजायाफ्ता कैदी उदयभान करवरिया

...जब सरेराह गोलियों से भून दिए गए थे सपा विधायक जवाहर यादव, प्रयागराज में पहली बार 22 साल पहले गूंजी थी एके 47, अब समय से पहले रिहा होंगे सजायाफ्ता कैदी उदयभान करवरिया

लखनऊ:  सियासत और अपराध की कभी प्रयोगशाला रहे इलाहाबाद  के सिविल लाइन्स में 1996 में तब सनसनी फैल गई थी जब विधायक जवाहर पंडित और उनके ट्राइवर को एके-47 से भून दिया गया था. इस मामले में भाजपा के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया को सजा हुई. अब करवरिया की समय से पहले रिहाई जेल से होने वाली है. कारागार  में अभी तक उनके द्वारा काटी गई सजा और अच्छे आचरण को देखते हुए सरकार ने उन्हें रिहा करने का निर्णय किया है.

राज्यपाल की मंजूरी के बाद कारागार विभाग ने पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की रिहाई का आदेश जारी कर दिया है.  आदेश में कहा गया है कि 30 जुलाई 2023 तक उदयभान करवरिया ने आठ वर्ष तीन माह 22 दिन की अपरिहार सजा और आठ वर्ष नौ माह 11 दिन की  सजा काट ली है. प्रयागराज के डीएम और  एसएसपी  द्वारा समयपूर्व रिहाई की संस्तुति किए जाने, जेल में करवरिया का आचरण उत्तम होने और दयायाचिका समिति द्वारा की गई संस्तुति के चलते समयपूर्व रिहाई का आदेश किया जा रहा है.

13 अगस्त, 1996... प्रयागराज सा सिविल लाइंस का इलाका... बालू के ठेकों पर वर्चस्व को लेकर अदावत को लेकर सपा के पूर्व विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित को गोलियों से चलनी कर दिया गया.चीख -पुकार, दहशत, वहशत औऱ भगदड़ ... करवरिया बंधुओं ने दिन दहाड़े प्रयागराज में गोलियों से छलनी कर जवाहर पंजित को छलनी कर दिया था. पहली बार था में एके-47 की आवाज गूंजी थी. कोर्ट  ने चार नवंबर 2019 में पूर्व बसपा सांसद कपिल मुनि करवरिया, पूर्व भाजपा विधायक उदयभान करवरिया और पूर्व बसपा एमएलसी सूरजभान करवरिया, उनके मित्र रामचंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

मूलरूप से कौशांबी के मंझनपुर के चकनारा गांव के रहने वाले करवरिया परिवार को पूरे इलाहाबाद में दबंगई के लिए जाना जाता था. पहले रियल एस्टेट फिर बालू के ठेकों पर उनका वर्चस्व था. उदयभान करवरिया ने सियासी जीत हासिल की थी.

जवाहर पंडित हत्याकांड में तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कलराज मिश्रा ने कपिलमुनि करवरिया के पक्ष में गवाही दी थी. कलराज मिश्र कपिलमुनि के पक्ष में गवाही भी देने आए थे, लेकिन कोर्ट ने उनकी गवाही को स्वीकार नहीं किया था.

वर्ष 2012 में यूपी में सपा की सरकार बनते ही जवाहर पंडित हत्याकांड की सुनवाई तेज हो गई.  वर्ष 2013 में हाईकोर्ट ने मामले की कार्यवाही में लगा स्टे खारिज कर दिया और लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे उदयभान को गिरफ्तार करने का वारंट निकाल दिया. बहरहाल कोर्ट ने उन्हें सजा सुना दिया. अब शासन उन्हें रिहा करने का आदेश दे दिया है.

जवाहर पंडित की मौत के बाद उनकी पत्नी विजमा यादव ने राजनीति में कदम रखा और झूंसी से विधायक बनीं.  करवरिया बंधु चार साल से जेल में बंद हैं. 

बहरहाल अपराध  की दुनिया से कमाई कैसे सत्ता के शिखर पहुंचने का माद्यम और शोहरत में तब्दिल होती है ये जवाहर पंडित कांड से समझा जा सकता है.अब इस मामले में  राजनीति गरमाना तय है.

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