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बजट से पहले सात करोड़ ईपीएफओ मेम्बर्स को केंद्र ने दिया तोहफा, कर्मचारी भविष्‍य निधि डिपॉजिट के लिए ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी को मिली मंजूरी

बजट से पहले सात करोड़ ईपीएफओ मेम्बर्स को केंद्र ने दिया तोहफा, कर्मचारी भविष्‍य निधि डिपॉजिट के लिए ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी को मिली मंजूरी

DESK : इसी महीने 23 तारीख को केंद्र की मोदी सरकार 3.0 का पहला वित्त बजट पेश होना है। जिस पर सभी की निगाहें लगी हुई है। लेकिन, बजट से पहले ही केंद्र सरकार ने करीब 7 करोड़ EPFO मेंबर्स के लिए बड़ी खुशखबरी देते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ब्याज दर में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। नए फैसले के बाद अब पिछले वर्ष मिल रहे ब्याज 8.15% की दर से 2023-24 के लिए ब्याज दर बढ़ाकर 8.25% हो गई है।

ईपीएफओ ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर जानकारी देते हुए कहा कि ईपीएफ सदस्यों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 8.25% की ब्याज दर सरकार द्वारा मई 2024 में नोटिफाई कर दिया गया है. अब सिर्फ कर्मचारियों को पीएफ का ब्‍याज अकाउंट में क्रेडिट होने का इंतजार है.

मार्च 2022 में ईपीएफओ ने करीब 7 करोड़ कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया था. कर्मचारियों के लिए 2021-22 के लिए EPF पर ब्याज को घटाकर चार दशक के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत कर दिया था, जो 2020-21 में 8.5 प्रतिशत था. ब्‍याज में कटौती होने के बाद ईपीएफ का ब्‍याज 1977-78 के बाद से सबसे कम हो गया था.  वित्त वर्ष  1977-78 में ईपीएफ ब्याज दर 8 प्रतिशत था. 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा (EPF Deposit) पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर सीबीटी द्वारा मार्च 2021 में तय की गई थी.

मार्च 2020 में भी ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा (EPF Deposit) पर ब्याज दर को घटाकर सात साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत कर दिया था, जो 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत थी. EPFO ने अपने ग्राहकों को 2016-17 में 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दर दी थी. वहीं 2015-16 में ब्याज दर थोड़ी अधिक 8.8 प्रतिशत थी. इसके अलावा, ईपीएफओ ने 2013-14 के साथ-साथ 2014-15 में 8.75 प्रतिशत ब्याज दर दिया था


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