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'भारत रत्न' के बेटे को 25 लाख की दरकार ! 49 साल बाद फिर से नासाज हुई तबीयत, तब इंदिरा बनी थी मददगार, अब कौन

'भारत रत्न' के बेटे को 25 लाख की दरकार ! 49 साल बाद फिर से नासाज हुई तबीयत, तब इंदिरा बनी थी मददगार, अब कौन

पटना. भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के छोटे बेटे डॉ वीरेंद्र ठाकुर को एक बार फिर से किसी इंदिरा गांधी या जयप्रकाश का इंतजार है. दरअसल, डॉ वीरेंद्र ठाकुर की तबीयत खराब चल रही है. उन्हें एनसीआर के एक अस्पताल में दाखिल कराया गया है. वहां उनके उपचार के लिए 25 लाख रुपए की जरूरत है. यानी एक बार फिर से कर्पूरी ठाकुर के छोटे बेटे डॉ वीरेंद्र ठाकुर वैसी ही परेशानी में हैं जैसी परेशानी में वे वर्ष 1974 में थे. हालांकि तब कर्पूरी के बेटे की तबीयत खराब होने की खबर सुनकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उनके उपचार को आगे आई थी. हालांकि कर्पूरी ठाकुर के इंदिरा के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद जयप्रकाश नारायण ने व्‍यवस्‍था करके उनके बेटे का इलाज न्‍यूजीलैंड में कराया था. 

 अब एक बार फिर से कर्पूरी ठाकुर के बेटे वैसी ही परेशानी में हैं. कुछ दिन पूर्व ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा हुई. उन्हें लेकर हुई इस घोषणा के बाद उनके सादगीपूर्ण और आदर्शवादी जीवन की कई चर्चाएँ हुई. इसमें वर्ष 1974 में वीरेंद्र ठाकुर के बीमार होने वाली घटना भी शामिल रही. उस दौर में कर्पूरी ठाकुर ने जो मिसाल कायम की उसे आज भी याद किया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा करते हुए उनके उच्च आदर्शवादी जीवन को सार्वजनिक जीवन जीने वालों के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा बताई. 

कर्पूरी ने ठुकराया था सरकारी खर्च : दरअसल, 1974 में कर्पूरी ठाकुर के छोटे बेटे का मेडिकल की पढ़ाई के लिए सेलेक्‍शन हो गया था. लेकिन, वह बीमारी हो गए. उनकी हार्ट सर्जरी होनी थी. जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इसका पता लगा तो उन्‍होंने राज्‍यसभा सांसद को भेज बेटे को एम्‍स में भर्ती कराया. सरकारी खर्च पर अमेरिका भेजने का ऑफर भी दिया. कर्पूरी ठाकुर को पता चला तो बोले कि मर जाएंगे, लेकिन बेटे इलाज सरकारी खर्च से नहीं कराएंगे. कहा जाता है कि जब जयप्रकाश नारायण को इस बात की जानकरी मिली तो उन्होंने सारी व्‍यवस्‍था करकेउनके  बेटे का इलाज न्‍यूजीलैंड में कराया.

फिर से उपचार की दरकार : ठाकुर के पारिवारिक सूत्रों की मानें तो करीब 49 साल बाद एक बार फिर से वीरेंद्र ठाकुर उसी किस्म से बीमार हैं. तबीयत खराब होने के बाद चलते उन्हें हरियाण के मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. फिलहाल, उनका इलाज चल रहा है. हालांकि कहा जा रहा है कि उपचार के लिए 25 लाख रुपए की जरूरत है. पिता की भांति ही उच्च नैतिकता को प्रदर्शित करने वाले वीरेंद्र ठाकुर भी सादगीपूर्ण जीवन जीने के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में उपचार के लिए भारी भरकम राशि का खर्च होना एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है. 

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