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भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई, बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष सेवा से बर्खास्त, इओयू की छापेमारी के बाद सरकार का सख्त फैसला

भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई, बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष सेवा से बर्खास्त, इओयू की छापेमारी के बाद सरकार का सख्त फैसला

पटना. आय से अधिक संपत्ति के आरोपों से घिरे से बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज उर्फ़ धीरज यादव को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. आर्थिक अपराध अनुसंधान इकाई यानी इओयू ने धीरज के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी जिसमें उनसे जुड़े आय से अधिक संपत्ति के मामले उजागर हुए थे. नरेन्‍द्र कुमार धीरज पर भ्रष्‍टाचार के जरिए अपने और अपने परिवार-रिश्‍तेदारी के लोगों के नाम पर करोड़ों रुपए की संपत्ति जुटाने का आरोप है.

बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात नरेंद्र कुमार धीरज पर भ्रष्टाचार से धन अर्जित करने का आरोप लगा है. इस मामले में न सिर्फ धीरज बल्कि उनके भाइयों और भतीजे के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई थी. इओयू ने इस दौरान कई प्रकार के दस्तावेज और अनियमितता का खुलासा किया था जो आय से अधिक संपत्ति से जुड़ा था. इस मामले में धीरज पिछले कई महीनों से जांच एजेंसी उनकी अनियमितता और भ्रष्टाचार को खंगालने में जुटी थी. 

सितम्बर 2021 में हुई धीरज के पटना, अरवल और आरा में इओयू ने नौ परिसरों पर एक साथ छापेमारी की और कम से कम 9.47 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगाया है. ईओयू के सूत्रों ने कहा कि संपत्ति उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से 544% अधिक है. धीरज ने अपने पद और शक्ति का दुरूपयोग करके कमाए गए धन से अर्जित की है. धीरज के पास करीब 20 ट्रक, बस और अन्य वाहन भी हैं. ईओयू के अनुसार धीरज ने 13 मई 1988 को नालंदा जिला पुलिस में एक कांस्टेबल के रूप में सेवा में प्रवेश किया और वर्तमान में वह पटना में तैनात है.

इओयू की कार्रवाई के बाद अब नरेंद्र कुमार धीरज को सेवा से बर्खास्त किया गया है. नरेंद्र कुमार धीरज ने इसे एकतरफा कार्रवाई कहा है. वहीं इस मामले में आने वाले दिनों में धीरज पर और ज्यादा शिकंजा कस सकता है. बिहार पुलिस में भ्रष्टाचार को लेकर यह बड़ी कार्रवाई है. 

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