Bihar Land Survey: रजिस्टर 2 में छेड़छाड़ और पन्ने गायब, दस्तावेजों में विसंगतियों से किसान परेशान

Bihar Land Survey: बिहार में जमीन से जुड़े दस्तावेजों में भारी गड़बड़ियां सामने आई हैं, जिससे किसानों को अपनी जमीन के कागजात को सही कराने में भारी परेशानी हो रही है। जमीन सर्वे के दौरान रजिस्टर टू में छेड़छाड़, पन्नों के गायब होने और डिजिटाइजेशन में हुई गलतियों ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जमीन सर्वे के दौरान कई मामलों में रजिस्टर टू में अवैध रूप से रैयतों के नामों में बदलाव कर दिया गया है। इसके अलावा, कई स्थानों पर रजिस्टर टू के महत्वपूर्ण पन्ने गायब होने की भी शिकायतें सामने आई हैं। इससे किसानों को अपनी जमीन के स्वामित्व को साबित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
जमीन के दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन के दौरान भी कई गंभीर गलतियां की गई हैं। खाता, खेसरा और रैयत के नाम गलत दर्ज किए गए हैं, जिससे किसान ऑनलाइन भू-लगान जमा नहीं कर पा रहे हैं। ऑनलाइन पोर्टल पर सही जानकारी उपलब्ध न होने के कारण किसानों को अपने कागजात सही कराने के लिए बार-बार अंचल कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने परिमार्जन प्लस पोर्टल के माध्यम से इन गड़बड़ियों को सुधारने का दावा किया है। सरकार का कहना है कि किसान ऑनलाइन आवेदन देकर अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। हालांकि, कई किसानों का कहना है कि उनके आवेदनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे उनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
इन गड़बड़ियों के पीछे का प्रमुख कारण भ्रष्टाचार और अधिकारियों की लापरवाही है। जमीन के पुराने रिकॉर्ड्स के डिजिटाइजेशन के दौरान भी कई गलतियां हुई हैं, जिससे जमीन के स्वामित्व से जुड़ी समस्याएं बढ़ गई हैं। किसानों और जानकारों का मानना है कि इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, जमीन से जुड़े सभी कामों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक का अधिकतम उपयोग होना चाहिए। किसानों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने की भी जरूरत है, ताकि वे अपनी समस्याओं को सही तरीके से उठा सकें।