PATNA : बिहार बोर्ड द्वारा लिए जानेवाले सक्षमता परीक्षा को लेकर नियोजित शिक्षकों की नाराजगी कम होती नजर नहीं आ रही है। शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए 26 फरवरी को आयोजित होने वाली सक्षमता परीक्षा का विरोध एक बार फिर से शुरू हो गया है। शिक्षक संघ ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। और परीक्षा को निरस्त करने की मांग की है। और बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की डिमांड रखी है।
जलाएंगे एडमिट कार्ड
परीक्षा के विरोध में कल यानि 25 फरवरी को राज्य के सभी जिलों नें शिक्षक अपने एडमिट जलाकर प्रदर्शन करेंगे। शिक्षकों की ऐच्छिक स्थानांतरण की भी मांग है। ये सभी फैसले शिक्षक एकता मंच की बैठक में लिए गए हैं।
बता दें कि सक्षमता परीक्षा बिहार में नियोजित शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक के तौर पर नियुक्ति के लिए होने वाली परीक्षा है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से राज्य में कार्यरत स्थानीय निकाय शिक्षकों के लिए परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। परीक्षा पास करने के लिए पांच मौके देने की बात सरकार की तरफ से कही गई है।
नौकरी जाने का है डर
दरअसल, नियोजित शिक्षकों के विरोध का बड़ा कारण कुछ दिन पहले शिक्षा विभाग का फैसला है, जिसमें यह तय किया गया था कि सक्षमता परीक्षा पासनहीं होने पर शिक्षकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। साथ ही परीक्षा को ऑनलाइन लिया जाना है, जिसका भी विरोध किया जा रहा है।
हालांकि शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने साफ कहा है कि सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने नौकरी खत्म के फैसले पर अभी सरकार ने मंजूरी नहीं किया है। शिक्षा विभाग की एक कमेटी ने अपनी अनुशंसा इस विषय पर की है। जिस पर अभी तक सरकार ने फैसला नहीं लिया है। ऐसे में शिक्षकों को हड़बड़ाने की जरूरत नहीं है। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए साक्षमता परीक्षा ली जा रही है।