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दारोगा परीक्षा को लेकर News4Nation से खास बातचीत में बोले बीपीएसएससी के चेयरमैन के एस द्विवेदी, स्वच्छ और शांतिपूर्ण परीक्षा संचालित करने में सफल रहा आयोग

दारोगा परीक्षा को लेकर News4Nation से खास बातचीत में बोले बीपीएसएससी के चेयरमैन के एस द्विवेदी, स्वच्छ और शांतिपूर्ण परीक्षा संचालित करने में सफल रहा आयोग

PATNA : बीपीएसएससी की ओर से बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। जिसमें 1275 अभ्यर्थियों का अंतिम रूप से चयन किया गया है। इसमें 822 पुरुष, 450 महिलाएं और 3 ट्रांसजेंडर शामिल है। NEWS4NATION संवाददाता वंदना शर्मा से बातचीत करते हुए आयोग के चेयरमैन के एस द्विवेदी ने कहा की दारोगा परीक्षा में 6 लाख 61 हज़ार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। तीन स्तर पर इसकी परीक्षा आयोजित की जाती है। प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट बहुत कम समय में जारी कर दिया गया था। प्रावधान के मुताबिक रिक्तियों के 20 गुना अभ्यर्थियों का चयन प्रारम्भिक परीक्षा में किया जाता है। इस तरह करीब 25 हज़ार अभ्यर्थी प्रारम्भिक परीक्षा में पास हुए। हालाँकि मुख्य परीक्षा के बाद चुनाव की वजह से फिजिकल का काम रुका हुआ था। जिसे 10 जून से 19 जून के बीच संचालित किया गया। अंतिम  रूप से 1275 दारोगा का चयन हुआ है। जिसमें 822 पुरुष, 450 महिला और तीन तीन ट्रांसजेंडर शामिल है। 

परीक्षा में पारदर्शिता को लेकर चेयरमैन ने कहा की कई लोगों को लगता है कि उनका सेलेक्शन नहीं हुआ तो लिटिगेशन में चले जाते हैं। इन लोगों को रोका नहीं जा सकता है। यहाँ आने के बाद हमने यह काम किया कि अभ्यर्थियों को अधिक से अधिक सूचनाएं देते हैं। कब परीक्षा होगी। कब एडमिट कार्ड लेना है। वहीँ फर्जीवाड़ा पकड़ने के लिए हमने प्लान बनाया है। फर्जीवाड़ा पकड़ने के एआई का प्रयोग किया जाता है। तीन जगहों पर बायोमेट्रिक मिलान किया जाता है। उन्होंने कहा की हालांकि अब ऐसी कोशिश बहुत कम लोग कर रहे हैं। दारोगा परीक्षा में इस तरह के कदाचार का मामला एक भी देखने को नहीं मिला है। दारोगा परीक्षा में ट्रांसजेंडर की बहाली को लेकर कहा कि समाज कल्याण विभाग का एक रूल है कि ट्रांसजेंडर को मुख्य धारा में लाने का प्रयास करना है। 2016 से दरोगा परीक्षा में प्रावधान है की ट्रांसजेंडर आवेदन दे सकते हैं। 

इस बार पांच वैकेंसी दी गई थी। जिनमें तीन का सेलेक्शन हुआ है। उन्होंने कहा की कुछ मामले में इन्हें छूट दी गई है। उम्र के मामले में एससी एसटी के बराबर सुविधा दी गई है। जबकि आरक्षण के मामले में इन्हें बीसी माना गया। फिजिकल में इन्हें बीसी विमेन की सुविधा दी जाती है। लेकिन मिनिमम मार्क्स उन्हें लाना पड़ता है। द्विवेदी ने कहा की कई बार उन्हें लगता था की ट्रांसजेंडर होने के कारण उन्हें दरोगा भर्ती में नहीं लिया जा रहा है। इस तरह जो कागजी प्रावधान था। उसने मूल रूप ले लिया है। कहा की जब कभी ट्रांसजेंडर मिलते थे तो कहते थे कि साहब कब तक हम गाते बजाते रहेंगे। हमारे जीवन में परिवर्तन नहीं आ रहा है। लेकिन हम उन्हें बार बार पढने के लिए बोलते थे।

आयोग की ओर से आनेवाली बहालियों को लेकर द्विवेदी ने कहा की आज के समय में आयोग के पास कोई विज्ञापन लंबित नहीं है न ही प्रकाशित हुआ है। आरक्षण का मामला खत्म होने के बाद में रिक्तियां आएगी। फिलहाल निगरानी और मद्य निषेध विभाग में सब इंस्पेक्टर की बहाली लास्ट स्टेज में चल रही है। 16 जुलाई को अभ्यर्थियों का फिजिकल होना है। जिसका रिजल्ट बहुत जल्द जारी कर दिया जायेगा। 

वंदना शर्मा की रिपोर्ट

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