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हिंदी के बड़े कवि को सीबीआई ने किया डिजिटल अरेस्ट!, बोले- शायरी सुनाओ, अधिकारी करते रहे- वाह, वाह...

हिंदी के बड़े कवि को सीबीआई ने किया डिजिटल अरेस्ट!,  बोले-  शायरी सुनाओ, अधिकारी करते रहे- वाह, वाह...

लखनऊ- साइबर अपराध के नए-नए तकनीक का इस्तेमाल कर अपराधी लोगों को चूना लगा रहे हैं. इसके साथ हीं डिजिटल गिरफ्तारी की घटनाओं खासी बढ़ गई हैं. साइबर ठग कभी सीबीआई तो कभी कस्टम विभाग या आयकर विभाग तो कभी कोर्ट का डर दिखाकर लोगों को घरों में ही गिरफ्तार कर पैसे की ठगी कर ले रहे हैं. इस बार साइबर धंधेबाजों के चंगुल में हिंदी के प्रख्यात कवि नरेश सक्सेना फंस गए . उन्हें ठगों ने एक दो घंटे नही वरन छह घंटे तक डिजिटली गिरफ्तार भी करके रखा. परिवार वालों की सतर्कता के कारण वे ठगी से बच निकले. लेकिन ठग कवि नरेश सक्सेना के कविता और शायरी का भर पुर लुत्फ उठाया 

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित कवि नरेश सक्सेना अपने परिवार के साथ लखनऊ के गोमती नगर इलाके में रहते हैं. जानकारी के अनुसार, नरेश सक्सेना के पास 7 जुलाई को दोपहर व्हाट्सऐप पर वीडियो कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई इंस्पेक्टर रोहन शर्मा बताया और पूछा कि क्या आपका आधार कार्ड खो गया है? नरेश सक्सेना ने इंकार किया तो बताया गया उनके आधार कार्ड का प्रयोग कर मुंबई में बैंक खाता खोला है और उसके माध्यम से करोड़ों रुपये का कालाधन इधर से उधर हो रहा है. इस मामले में नरेश सक्सेना के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. अब वारंट जारी हो रहा है.

इस बात पर नरेश सक्सेना घबरा गए. ठग ने केस रफा दफा करने के लिए  रुपया बैंक अकाउंट में भेजने को कहा. सक्सेना ने रुपया ट्रांस्फर नहीं किया. नकली इंस्पेक्टर ने उनके काम के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वे कवि हैं. इस पर ठग  ने उनसे मीर तकी मीर और फैज अहमद फैज के शेर सुनाने को कहा. इसके बाद ठग उनकी भी कविताएं सुनाने लगे. इस क्रम में छह घंटा बीत गया. 

इस दौरान परिवारवाले परेशान रहे. जब काफी देर हो गया तो परिवार के सदस्य कमरे में आ गए और कवि नरेश सक्सेना ठगी का शिकार होने से बच गए

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