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मोदी सरकार के बजट के पहले कांग्रेस ने बोला हमला, खरगे ने आंकड़ा पेश कर बताई बदहाली की तस्वीर

मोदी सरकार के बजट के पहले कांग्रेस ने बोला हमला, खरगे ने आंकड़ा पेश कर बताई बदहाली की तस्वीर

DESK: लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस केन्द्र की मोदी सरकार पर लगातार हमलावर है। इसी बीच कांग्रेस ने अपने आक्रमक रबैया को जारी रखते हुए बजट आने से पहले ही उसके प्रति अपनी निराशा जाहिर कर दी है। बजट की घोषणा 23 जुलाई को होनी है। जिसके पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार को सवालों के कटखरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने इस बात की चिंता जाहिर की है कि मोदी सरकार अपने तीसरी कार्यकाल के पहले बजट में बेरोजगारी, बढ़ती असमानता और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लगभग खत्म होने जैसी चिंताओं को कोई तव्वजों नहीं देगी। 

कांग्रेस का मानना है कि केंद्र की मोदी सरकार कुछ अमीर पूंजीपतियों के हित को देखते हुए इस बार भी बजट पेश करेगी। साथ ही उन्होंने रोजगार के मुद्दे के पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा क्यों है कि आपने 10 वर्षों में 20 करोड़ नौकरियों का वादा कर, 12 करोड़ से ज़्यादा नौकरियाँ छीन ली ? आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार 2012 और 2019 के बीच में रोज़गार में 2.1 करोड़ की वृद्धि हुई, पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन  की रिपोर्ट कहती है कि ये वृद्धि केवल 2 लाख है, बल्कि दोनों ही रिपोर्टों का मुख्य स्त्रोत सरकारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण का सर्वे ही है। तो फ़िर सच्चाई क्या है? 

कांग्रेस अध्यक्ष ने महिलाओं के मुद्दे पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि क्या ये सच नहीं है कि सरकारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण डाटा के मुताबिक़, जिसके स्त्रोत का आरबीआई  हवाला दे रहा है, उसमें 37% 'कामकाजी' महिलाएं  बिना वेतन के काम करनेवाली हैं ? ग्रामीण क्षेत्र में ये आँकड़ा 43% के भयावह स्तर पर है। खरगे ने कहा कि अगर आरबीआई  का डाटा मान भी ले, तो ये कोई ख़ुशी की बात नहीं है कि महामारी के कारण जो फैक्ट्री-कर्मचारी, शिक्षक, छोटे दुकानदार आदि जैसे लोग अपने गाँव चले गए थे, उन्हें खेतिहर मज़दूर की तरह काम करना पड़ रहा है।

आरबीआई की रिपोर्ट बताती है कि 2019-20 से 2022-23 बीच ऐसे 2.3 करोड़ों लोग हैं जो अपने रेग्युलर काम पर नहीं लौटे। यह स्पष्ट नहीं है कि आरबीआई अपने 2023-24 नंबरों पर कैसे पहुंचा, यह देखते हुए कि उसने सेक्टर-वार ब्रेकअप का खुलासा नहीं किया, कुछ ऐसा जो उसने पिछले वर्षों में किया था। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा उठाये गये मुद्दो को सरकार कितना तरजीह देती हैं। बता दें कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल की पहली बजट 23 जुलाई को पेश करेगी। केन्द्रीय वित मंत्री निर्मला सीतारमन बजट के पूर्व बजट की तैयारियों में जुटी हुई हैं। इसके लिय वो कई राज्यों के वित्त मंत्री से मिलकर उनके राज्यों के जरुरतों को जानने की कोशिश कर रही हैं।

रीतिक की रिपोर्ट

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