HAJIPUR : बाली गांव थाने की पुलिस के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया है और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते दिखें। मामला दरअसल यह है कि प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस और पब्लिक के बीच झड़प हुई थी। जिसमें पुलिस ने 21 बेकसूर लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर लिया। जो की यह लोग रोजी रोटी के लिए प्रदेश में मजदूरी करता है तो कुछ लोग गांव में ही दिहारी मजदूरी करता है। एफआईआर दर्ज होने के बाद सभी लोग भागते फिर रहे हैं और घर की स्थिति चरमरा गई है। बच्चे खाने के लिए बिलख रहे है। जिसको लेकर महिलाएं ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की और उच्च अधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है।
पूजा कुमारी ने बताया कि मेरे पति पर झूठा मुकदमा दर्ज गांव के रियाज अहमद और पंचायत मुखिया पुत्र द्वारा पुलिस को गलत सूचना देकर करवा दिया है। वे बस्ती में सरस्वती पूजा और हवन यज्ञ का आयोजन गांव वालों द्वारा किया गया है। भक्ति गानों पर प्रतिमा विसर्जन शोभा यात्रा निकाली गई थी लेकिन गांव के ही कुछ लोगों के द्वारा पुलिस को सूचना देकर बुला ली गई और पुलिस पर दबाव बनाकर जबरन कुछ लड़कों को गाड़ी में बैठवा दिया गया था। जब विरोध की तो पुलिस उसके साथ हाथापाई और मारपीट की।
कुछ लोगों ने बताया कि जब घटना हुआ था उसे समय वह घर पर मौजूद नहीं थे तब भी उन लोगों का नाम मुखिया पुत्र के द्वारा पुलिस को फोन पर लिखवा दिया। जिसका कॉल रिकॉर्डिंग भी सामने आया है। जिसमें देखा जा रहा है कि मुखिया पुत्र के द्वारा पुलिस पर कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
इस संबंध में पुलिस अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि सरस्वती प्रतिमा विसर्जन करने के दौरान पुलिस के साथ यह लोग झड़प कर लिया था। इसी को लेकर 21 लोगों पर प्राथमिक की दर्ज की गई है मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
रिपोर्ट - रिषभ कुमार