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समंदर के शेर आईएनएस ब्रह्मपुत्र को फिर खड़ा करने की हो रही है कोशिश, आग लगने के बाद एक तरफ झुक गया है जहाज

समंदर के शेर आईएनएस ब्रह्मपुत्र को फिर खड़ा करने की हो रही है कोशिश,  आग लगने के बाद एक तरफ झुक गया है जहाज

लखनऊ- भारतीय नौ सेना की वो ताकत जो कभी समंदर की शान हुआ करता था.भारतीय नौ सेना की वो ताकत, जिसे समंदर का शेर कहते थे.भारतीय नौसेना की इस ताकत से पूरी दुनिया कांपती थी. नौसेना का यह प्रमुख हथियार था नौसेना को अपने इस हथियार पर बेहद नाज था.लेकिन आज तस्वीर बदल गई है. आईएनएस ब्रह्मपुत्र स्वदेशी रूप से निर्मित पहला निर्देशित मिसाइल युद्धपोत है. इसे भारत में ही तैयार किया गया था यह नौसेना का प्रमुख हथियार है.आईएनएस ब्रह्रपुत्र के समंदर में एक बार फिर खड़ा करने की कोशिश है.

दरअसल, भारतीय नौसेना के मल्टीटास्किंग युद्धपोत आईएनएस ब्रह्मपुत्र में 21 जुलाई को आग लग गई थी। बताया जा रहा है कि जहाज में आग उस वक्त लगी जब उसकी मरम्मत की जा रही थी। आग ने धीरे- धीरे विकराल रूप ले लिया जिसके बाद बंदरगाह में मौजूद अन्य जहाजों के दमकल कर्मियों की सहायता से आग पर काबू पाया गया। युद्धपोत में आग लगने की वजह से वो एक तरफ से झुक गया है। काफी प्रयासों के बाद भी आईएनएस ब्रह्मपुत्र को सीधा नहीं किया जा सका है। आग लगने के बाद जहाज पर मौजूद एक नाविक को छोड़कर सभी को बचा लिया गया है। अभी भी उस नाविक की तलाश की जा रही है लेकिन अभी तक उसका कुछ पता नहीं चल सका है। युद्धपोत में लगी आग की वजह अभी तक साफ नहीं हुई है। हालांकि भारतीय नौसेना आग की जांच के आदेश दे दिए हैं।

अप्रैल 2000 में इसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. जहाज मध्यम दूरी, निकट दूरी और सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, भेदी तोपों और टारपीडो लॉन्चरों से लैस है.आईएनएस ब्रह्मपुत्र पर समुद्री युद्ध के सभी पहलुओं को कवर करने वाले कई तरह के सेंसर भी लगे हैं. इससे चेतक हेलीकॉप्टर भी उड़ान भर सकते हैं. आईएनएस ब्रह्मपुत्र का नाम ब्रह्मपुत्र नदी के नाम पर रखा गया था. आईएनएस ब्रह्मपुत्र के प्रतीक चिह्न में नीली समुद्री लहरों और भारतीय गैंडे को दर्शाया गया है... 

ब्रह्मपुत्र की खासियत ये है कि आईएनएस ब्रह्मपुत्र भारत में तैयार पहला निर्देशित मिसाइल युद्धपोत है।ब्रह्मपुत्र जहाज में 40 अधिकारियों और 330 नाविकों का दल है।इस जहाज का वजन तकरीबन 5,300 टन है।लंबाई 125 मीटर और चौड़ाई 14.4 मीटर है।यह युद्धपोत मध्यम दूरी और विमान भेदी तोपों से लैस है।इस पर जमीन से जमीन और जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों तथा टारपीडो लांचर भी हैं।

ये सभी हथियार मिलकर दुश्मन के जहाजों और विमानों को नष्ट कर सकते हैं। इसके अलावा, आईएनएस ब्रह्मपुत्र में सीकिंग और चेतक हेलीकॉप्टर भी तैनात रहते हैं...आईएनएस ब्रह्मपुत्र कई बड़े सैन्य अभियानों का हिस्सा रहा है. जुलाई 2006 में ऑपरेशन सुकून के टास्क फोर्स में ब्रह्मपुत्र शामिल था. इसके अलावा जुलाई 2009 के दौरान, ब्रह्मपुत्र यूरोप में तैनाती पर भारतीय नौसेना टास्क फोर्स का हिस्सा था. इस टास्क फोर्स ने रॉयल नेवी और फ्रांसीसी नौसेना के साथ संयुक्त अभ्यास में भाग लिया.एक ऐसी ही घटना 2016 में हुई थी. उस समय आईएनएस बेतवा मरम्मत के दौरान मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में पलट गया था. इस घटना में 2 नाविकों की मौत हो गई थी... भारतीय नौसेना का स्वदेशीय हथियार धीरे-धीरे एक तरफ झुकता जा रहा है नौसेना इसे खड़ा करने की कोशिश में लगी हुई है लेकिन सारी कोशिश बेकार होती जा रही है... ब्रह्मपुत्र को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी चिंता जताई है..जहाज में आग लगने से पोत को काफी नुकसान हुआ है। नौसेना के अनुसार, रविवार शाम को आग लगने की घटना के बाद एक कनिष्ठ नाविक लापता है और बचाव दल उसे खोजने की कोशिश कर रहे हैं...

रिपोर्ट- आशिफ खान

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