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पहले गिड़गिड़ाया, फिर सिर पर हाथ रख कर बोला मेरे लिए तू मर गई... बेटी के मनमर्जी से ब्याह पर बेबस पिता का छलका दर्द

पहले गिड़गिड़ाया, फिर सिर पर हाथ रख कर बोला मेरे लिए तू मर गई... बेटी के मनमर्जी से ब्याह पर बेबस पिता का छलका दर्द

DESK: बेबस पिता बेटी के आगे गिड़गिड़ता रहा। लेकिन इश्क का बुखार बेटी के सिर पर ऐसा चढ़ा था कि पिता की परवरिश जबां मुहब्बत के आगे फीकी पड़ गई। और बेटी अपने महबूब आशिक को जन्नत बताते हुए उसके साथ रहने की जिद पर अड़ी रही। जिसके बाद पिता ने उसके सिर पर हाथ कर कह दिया कि तू मेरे लिए मर गई है... 

दरअसल, यह मामला यूपी के मेरठ के मवाना तहसील का है। जहां बॉयफ्रेंड से शादी करने के लिए कोर्ट पहुंची बेटी के सामने बेबस पिता गिड़गिड़ाता रहा लेकिन वो अपने बॉयफ्रेंड से शादी करने की जिद पर अड़ी रही। पिता कोर्ट परिसर में लगभग दो घंटे तक बेटी के सामने हाथ जोड़ता रहा, मिन्नतें करता रहा, बेटी को कसमें देता रहा लेकिन उसने उसकी बात नहीं सुनी। 

वह बॉयफ्रेंड के गले से लिपट गई और कहने लगी कि यही मेरा पति, मेरी जन्नत है। यह देखकर पिता ने बेटी के सिर पर हाथ रखकर कहा- आज से तू मेरे लिए मर गई। बाद में लड़की ने बॉयफ्रेंड से कोर्ट मैरिज कर ली। जानकारी अनुसार महरिश मुजफ्फरनगर और उसका बॉयफ्रेंड आरिश मवाना का रहने वाला है। पेशे से ड्राइवर है। उसने बताया- 4 साल पहले सोशल मीडिया पर महरिश से बातचीत शुरू हुई। कुछ दिन बाद मैं और महरिश एक-दूसरे से मिलने लगे।

हम लोगों ने इस बात को छिपाए रखा। हमें लगता था कि अगर घरवालों को पता चलेगा तो झगड़ा होगा, लेकिन ये बात ज्यादा दिन तक छिपी नहीं। इधर-उधर से जब घरवालों को पता चला, तो हम लोगों ने शादी का प्लान बना लिया। मैंने घरवालों को इस बारे में बताया, लेकिन वो राजी नहीं हुए।

आरिश ने बताया-मेहरिश ने भी अपने घरवालों से बात की, लेकिन उसके भी घरवाले राजी नहीं हुए। इसके बाद वह मुजफ्फरनगर से मेरठ आ गई। हम दोनों बालिग हैं, इसलिए शादी करने कोर्ट आए हैं। कोर्ट मैरिज की सूचना पर दोनों के घरवाले वहां पहुंच गए। लड़के ने घरवालों को किसी तरह से शादी के लिए मना लिया, लेकिन लड़की का पिता नहीं माना। पिता ने बेटी को मनाने की हर कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी

पिता ने रोते हुए पुसिलवालों से कहा- बेटी की शादी एक साल पहले कहीं और कर चुके हैं। बस विदाई नहीं हुई है। अब हम रिश्तेदारी में क्या मुंह दिखाएंगे। मैं बेटी को साथ चलने के लिए समझाता रहा, लेकिन वो नहीं मानी। हारकर मैंने समाज के सामने बेटी के सिर पर हाथ रखकर कसम खा ली। कहा-आज से तू हमारे लिए मर गई। तू हमारी बेटी नहीं। आज से तेरा-मेरा रिश्ता खत्म हो गया। तू अपने इस कदम से बहुत पछताएगी।

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