GAYA : बिहार सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस के इस्तीफा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पशुपति पारस एनडीए के वफादार सिपाही नहीं थे। सिपाही को जो आदेश मिलता है। उसका पालन करता है। लेकिन उन्होंने एनडीए का आदेश नहीं माना। वह कभी इधर की बात करते थे। कभी उधर की। इसलिए हम अपने समाज से यही कहेंगे कि को वे एनडीए के सच्चे सिपाही नहीं थे।
वहीं उन्होंने गया सीट मिलने पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं देश के गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए कहा है कि अगर हमें एक भी सीट नहीं मिलता। तब भी हम पूरे निष्ठा के साथ भाजपा के साथ रहते। उन्होंने कहा की हमने 1980 में एक बार टिकट माँगा था और टिकट मिला भी था। इसके बाद हमने कभी मंत्री और मुख्यमंत्री का पद नहीं माँगा। इसके बावजूद सब मिला।
मांझी ने कहा की जब सीएम नीतीश ने पार्टी मर्ज करने को कहा तो हम अलग हो गए। इसके बाद दो दिन बाद भी दिल्ली बुलाया गया। जब विधानसभा में कुछ कहा तो प्रधानमन्त्री ने इस गंभीरता से लिया। दुनिया का लोकप्रिय नेता हमें इतना तरजीह देता है। मांझी ने कहा की हमारे पास 10 प्रतिशत वोट का दम हैं। जहाँ कहेंगे वहां यह वोट जायेगा। एनडीए को 40 सीट बिहार में मिले। इसके लिए हम सारा शक्ति लगा देंगे।
गया से मनोज की रिपोर्ट