PATNA: बिहार के निलंबित दो आईपीएस अफसरों को सरकार ने कोई रिलीफ नहीं दिया है। दोनों अधिकारी आगे भी निलंबित रहेंगे। एक आईपीएस अफसर पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप हैं तो दूसरे पर चीफ जस्टिस के नाम पर डीजीपी को फोन कर अपने पक्ष में पैरवी कराने का मुकदमा दर्ज है। दोनों को एक साथ 18 अक्टूबर को निलंबित किया था। सरकार ने इन दोनों अधिकारियों के निलंबन अवधि को 4 महीनों के लिए विस्तारित कर दिया।
पूर्णिया के तत्कालीन एसपी दयाशंकर के निलंबन को 120 दिन और बढ़ा दिया गया है. इस संबंध में गृह विभाग ने संकल्प जारी किया है .अब ये 15 अप्रैल 2023 तक निलंबित रहेंगे. विशेष निगरानी इकाई ने पूर्णिया के तत्कालीन एसपी दयाशंकर के खिलाफ भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज किया था. 10 अक्टूबर 2022 को केस दर्ज कर दयाशंकर के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. उन पर आय से 7143666 रुपये अधिक अर्जित करने का आरोप है. इसके बाद सरकार ने 18 अक्टूबर 2022 को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. अब निलंबन अवधि को 120 दिन विस्तारित किया गया है.
वहीं चीफ जस्टिस के नाम पर डीजीपी को फोन करवाने वाले गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार का निलंबन 120 दिनों तक विस्तारित किया गया है. यानी वे 15 अप्रैल 2023 तक निलंबित रहेंगे . निलंबन समीक्षा समिति की अनुशंसा के बाद गृह विभाग ने पत्र जारी कर दिया है. आदित्य कुमार के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने 15 अक्टूबर 2022 को केस दर्ज किया था. जिसमें पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम का दुरुपयोग कर पुलिस महानिदेशक को फोन कराने का आरोप है. सरकार ने आदित्य कुमार को भी 18 अक्टूबर 2022 को ही निलंबित कर दिया था. इनके निलंबन को आगे भी बरकरार रखने का निर्णय लिया गया है .