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मुजफ्फरपुर में हेल्थ सिस्टम की फिर खुली पोल, खुले आसमान के नीचे महिला का हुआ प्रसव, एंबुलेंस नहीं मिलने पर परिजनों ने किया जमकर हंगामा

मुजफ्फरपुर में हेल्थ सिस्टम की फिर खुली पोल, खुले आसमान के नीचे महिला का हुआ प्रसव, एंबुलेंस नहीं मिलने पर परिजनों ने किया जमकर हंगामा

MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर जिलाधिकारी के सख्त निर्देश के बावजूद औराई की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। इससे पूर्व भी औराई सीएससी में ईलाज में लापरवाही की वजह से आए दिन हंगामा होते रहता है। शनिवार को औराई बाजार परिसर में खुले आसमान के नीचे एक महिला को स्थानीय लोगों द्वारा प्रसव कराया गया। लेकिन औराई सीएचसी इस बात की सुध लेना भी उचित नहीं समझा। बता दे की महिला की पहचान मूल रूप से सीतामढ़ी जिले के डुमरा थाना अंतर्गत बलुआ गांव की रहने वाली बताया जा रही है, जो औराई थाना क्षेत्र के नयागांव पंचायत अंतर्गत मल्ही बेसी गांव में मायके में रहकर स्वास्थ्य सेवा का लाभ ले रही थी। प्रसव के बाद महिला ने स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया। 

मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने बताया कि महिला के प्रसव से पूर्व नयागांव पंचायत के मल्लही बेसी से प्रसव पीड़िता के भाई रौशन साह ने लगातार सीएससी को एंबुलेंस सुविधा के लिए फोन किया। इस बीच पीड़िता तड़पती रही। एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से पीड़िता एक भाई के साथ  बाइक पर सवार होकर अस्पताल आ रही थी। लेकिन अस्पताल पहुंचने से महज 200 फीट पूर्व ही खुले आसमान के नीचे बाजार परिसर में महिला बाइक पर से ही बच्चों को जन्म देने की स्थिति में आ गई। जिसके बाद स्थानीय सीता देवी ,तेतरी देवी, कमलेश शाह ,रौशन साह समेत कई लोग पहुंचे और साड़ी कपड़ा से घेराबंदी कर किसी तरह जमीन पर महिला का प्रसव कराया गया। जहाँ महिला ने स्वस्थ पुत्र को जन्म भी दिया। 

इस दौरान महिला जमीन पर दर्द से मुंह रगरती रही। जब अस्पताल में लोग सूचना दिए और जानकारी देकर सहायता की मांग की। लेकिन अस्पताल से कहा गया की एंबुलेंस नहीं है अभी यहां लाईये तो इलाज किया जायगा । तमाम कर्मियों ने हाथ खड़ा करते हुए कहा की एंबुलेंस अभी नहीं है आएगा तो भेजेंगे। इसके बाद बभनगामा के हिरण राय ने सीएचसी मे काफी हंगामा किया। बाद में पुलिस भी पहुंची तब तक वह जा चुका था। स्थानीय लोगों द्वारा बच्चे को गोद में लेकर अस्पताल पहुंचाया गया, फिर प्रसव पीड़िता को पांव पैदल दो महिला द्वारा हाथ थामे अस्पताल लाया गया। इसमें स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कोई भी कर्मियों ने अपनी तत्परता नहीं दिखाई।  

हालांकि डॉक्टर सत्या ड्यूटी पर थी, डॉक्टर कुणाल  गर्ग भी 9:00 ससमय पहुंचे। उन्होंने ओपीडी सेवा पहुंचने के साथ ही आरंभ कर दिया। डॉक्टर कुणाल ने बताया की  यह मानवीय आधार पर गलत है, यहां स्ट्रक्चर भी है। एक एंबुलेंस एईएस वार्ड के लिए हमेशा रखना है,दो एंबुलेंस है। नहीं है तो भाड़े पर भी लेकर इसका प्रबंध स्वास्थ्य विभाग को करना है, गलत हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना था कि यहां पीएससी प्रभारी कभी रहते नहीं है। स्वास्थ्य सुविधा किसी को मिल नहीं पाता है। मनमाने तरीके से रोगी को रेफर किया जाता है। तमाम गलतियों के पीछे सीएससी प्रभारी को लोग दोषी मान रहे थे। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे औराई  पंचायत के मुखिया उमाशंकर गुप्ता ने भी जमकर कर्मियों को फटकार लगाते हुए सुधार की बात कही। उनका कहना था कि प्रत्येक दिन यह सुनने में आ रहा है की हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं रहते हैं। अन्य कर्मी कार्य नहीं करते हैं, सिर्फ रेफर का अस्पताल बन गया है। साधारण चीजों में लोगों रेफर करते हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से शिकायत की बात कही, फिर सीएससी में डॉक्टर कुणाल गर्ग द्वारा इलाज किया गया। 

इससे पूर्व भी औराई में बाइक दुर्घटना में जख्मी तीन युवक जमीन पर लेटे हुए घंटो तड़पते रहे। लेकिन एंबुलेंस व अन्य सुविधा नहीं मिला। जिला  हॉस्पिटल जाने के उपरांत 2 दिनों के अंदर एक युवक की मौत हो गई। जबकि दो युवक नयागांव पंचायत के ही, आज भी जिंदगी और मौत से अस्पताल में जूझ रहे हैं। उक्त मामले में डीएम ने वेतन बंद कर कार्रवाई की बात भी कही थी। बावजूद भयमुक्त अस्पताल तानाशाही रवैया अपनाये रहा है।

मुजफ्फरपुर से मणिभूषण की रिपोर्ट

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