बांग्लादेश में हिंसा और आगजनी के बीच उपद्रवी अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं. उग्रवादी चुन-चुनकर हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं. 52 जिलों में हमलों में कम से कम हिन्दूओं के खिलाफ 205 घटनाओं की सूचना है. वहीं प्रदर्शनकारियों के किलाफ हिन्दू सड़क पर उतर गए हैं और सरकार का पुरकस विरोध कर रहे हैं. हिन्दूओं के विरोद के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने हिंदुओं पर हो रहे हमलों की निंदा करते हुए उन्हें घृणित बताया.
शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटते हीं बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों और उनके घरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और संपत्तियों को निशाना बनाया गया है. बांग्लादेश की कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने बयान जारी कर हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की बात स्वीकार की है. जमात-ए-इस्लामी ने कहा है, 'कुछ व्यक्तियों के भड़काऊ भाषण के कारण उपद्रवियों के एक समूह ने शहरों-बंदरगाहों-गांवों में तोड़फोड़ शुरू कर दी. कुछ इलाकों में सरकारी इमारतों, विरोधियों के घरों और विभिन्न धर्मों के पूजा स्थलों पर हमले हुए हैं. लूटपाट और आगजनी की घटनाएं भी हुई हैं.
वहीं बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने शनिवार को अल्पसंख्यक समुदायों खासकर हिंदुओं पर हो रहे हमलों की निंदा करते हुए उन्हें घृणित बताया. उन्होंने पूछा कि क्या वे इस देश के लोग नहीं हैं? आप देश को बचाने में सक्षम हैं, क्या आप कुछ परिवारों को नहीं बचा सकते हैं? जबकि हिंदू समुदाय ने सुरक्षा और न्याय की मांग करते हुए अपना अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन बांग्लादेश की सड़कों पर किया.
ढाका, चटगांव, बारीसाल, तंगेल और कुरीग्राम जैसे प्रमुख शहरों में हजारों प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया और कहा कि हिंदुओं को बांग्लादेश में रहने का अधिकार है. शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को हटाने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में घरों, दुकानों और मंदिरों पर हमलों के विरोध में उन्होंने शनिवार को लगातार दूसरे दिन ढाका में शाहबाग चौराहे को अवरुद्ध कर दिया.
वहीं बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया प्रोफेसर यूनुस ने बेगम रोकेया विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “आपको कहना चाहिए कि कोई भी उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता है. वे मेरे भाई हैं. हमने साथ मिलकर लड़ाई लड़ी है और हम साथ रहेंगे.” उन्होंने छात्रों से सभी हिंदू, ईसाई और बौद्ध परिवारों को नुकसान से बचाने का आग्रह किया.
उधर बीएनपी नेता आलमगीर ने कहा कि देश में हमले कुछ लोगों के द्वारा हिंदुओं पर स्थिति का लाभ उठाने का परिणाम हैं और उन्होंने जोर देकर कहा कि वे किसी "व्यवस्थित एजेंडे" का हिस्सा नहीं हैं.उन्होंने कहा कि जब किसी भी देश में कोई बदलाव होता है, तो कुछ लोग इसका फायदा उठाने की कोशिश करते है.बांग्लादेश में भी दुर्भाग्य से हर क्रांति के साथ, सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाया जाता है.उन्होंने माना कि अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर 52 जिलों में हमले किए गए हैं. हिन्दूओं के खिलाफ करीब 205 घटनाएं हुईं हैं. हजारों बांग्लादेशी हिंदू हिंसा से बचने के लिए भारत की ओर टकटकी लगाए हुए हैं.