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अन्नदाताओं पर कितना मेहरबान हुए पीएम मोदी, किसान सम्मान निधि बढ़ाने और फसलों के एमएसपी पर क्या रहा प्लान, कृषि बजट का जानिए हाल

अन्नदाताओं पर कितना मेहरबान हुए पीएम मोदी, किसान सम्मान निधि बढ़ाने और फसलों के एमएसपी पर क्या रहा प्लान, कृषि बजट का जानिए हाल

पटना. बिहार सहित देश भर के किसानों ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कृषि में व्यापक बदलाव के लिए कई प्रकार की उम्मीद लगाई थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए किसानों को अन्नदाता की उपाधि देते हुए कुछ घोषणा की लेकिन इसमें किसान आन्दोलन के समय की गई मांगों पर फ़िलहाल कोई खास ध्यान नहीं दिया गया. केंद्र सरकार ने इस बार के बजट में कृषि और उससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए दिए. यह राशि कृषि क्षेत्र में पिछले साल के बजट की तुलना में 21.6% यानी 27 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है. पिछले वर्ष का कृषि बजट 1.25 लाख करोड़ रुपए था. 

हालाँकि इस बार के बजट में किसानों के लिए किसान सम्मान निधि की राशि 6000 रुपये से बढ़ाकर आठ हजार रुपए करने की बातें चल रही थी. लेकिन मोदी सरकार ने इस पर कोई बदलाव नहीं किया. इतना ही नहीं केंद्र सरकार से किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने अधिकांश फसलों के लिए एमएसपी लागू करने की मांग की थी. यहां तक कि किसान आन्दोलन में भी इस मांग को प्रमुखता से उठाया गया था. बावजूद इसके किसानों के लिए एमएसपी लागू करने की मांग अधूरी रही. हालांकि बजट में कृषि क्षेत्र के लिए  5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की घोषणा हुई. वहीं किसान की पैदावार को मौसम के असर से बचाने पर काम किया जाएगा. सरकार ने बताया कि 32 फसलों की 109 नई किस्में लाई जाएंगी, जो मौसम के अनुकूल होंगी.

दलहन और तिलहन में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इनके प्रोडक्शन, स्टोरेज और मार्केटिंग को मजबूत करने पर बजट में घोषणा की गई. सब्जियों की सप्लाई चेन को मजबूत कर देश में सब्जी की बर्बादी रोकने और उचित मूल्य पर सब्जी उपलब्धता सुनिश्चित करने की बातें कही गई. साथ ही सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधर के लिए कोऑपरेटिव सेक्टर के विकास के लिए नेशनल कोऑपरेशन पॉलिसी लाने की बात कही है. 

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