बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

हुजूर..! खाली RJD कोटे वाले मंत्रियों की ही जांच करिएगा...JDU कोटे वाले विभाग में भी तो बड़ा-बड़ा खेला हो रहा ! परिवहन विभाग जवाब दे- 2024 का यह आदेश सही है तो क्या 2022 का आपका वो आदेश गलत था ?

हुजूर..! खाली RJD कोटे वाले मंत्रियों की ही जांच करिएगा...JDU कोटे वाले विभाग में भी तो बड़ा-बड़ा खेला हो रहा ! परिवहन विभाग जवाब दे- 2024 का यह आदेश सही है तो क्या 2022 का आपका वो आदेश गलत था ?

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और राजद कोटे के दो अन्य मंत्रियों के निर्णयों की समीक्षा के आदेश दिए हैं. मलाईदार विभागों में मंत्री स्तर पर लिए गए निर्णयों को सरकार देखेगी. पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पास स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग ,ग्रामीण कार्य विभाग का जिम्मा था. तेजस्वी यादव ने जो भी निर्णय लिए उसकी समीक्षा होगी. इसके अलावे खान एवं भूतत्व विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के पूर्व मंत्रियों द्वारा लिए गए निर्णयों की समीक्षा के आदेश दे दिए गए हैं . वैसे गड़बड़ी सिर्फ राजद कोटे वाले विभागों में ही नहीं हुआ है, जेडीयू कोटे वाले विभाग में तो आज भी खुल्लमखुल्ला गड़बड़ी हो रही है. सुशासन को ठेंगा दिखाया जा रहा है. इसके बाद भी मुख्यमंत्री चुप बैठे हैं. परिवहन विभाग के सक्षम प्राधिकार ने तो हद कर दिया. एक ही तरह के आरोप में दो तरह के आदेश जारी किए हैं. भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे एक एमवीआई को फील्ड पोस्टिंग देने के खुलासे के बाद उन्हें आनन-फानन में वहां से हटा दिया गया था. दूसरे एमवीआई जिनके खिलाफ भी भ्रष्टाचार के केस दर्ज हैं, उनका निलंबन तोड़कर सीधे फील्ड भेजा गया और एक जिला पर एक और जिला देकर सम्मानित किया गया.

भ्रष्टाचार में दागी एमवीआई का निलंबन तोड़कर दो जिलों का दिया प्रभार 

फरवरी 2024 को परिवहन विभाग  ने एक ऐसा आदेश निकाला, जिससे विवाद शुरू हो गया है. 7 तारीख को 11 मोटरयान निरीक्षकों का तबादला किया गया है. परिवहन विभाग के उप सचिव की तरफ से ट्रांसफर आदेश जारी किए गए हैं. उक्त आदेश में लिखा है कि सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन प्राप्त है. यानि इस ट्रांसफर-पोस्टिंग के आदेश पर विभाग में उच्च स्तर से सहमति ली गई है. विभाग ने भ्रष्टाचार के एक आरोपी एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह को न सिर्फ फील्ड पोस्टिंग दिया है, बल्कि एक साथ दो जिलों का काम देकर सस्पेंशन के दौरान की कमी की भरपाई भी की है. आर्थिक अपराध इकाई ने इस एमवीआई के खिलाफ डीए केस दर्ज कर कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. लेकिन विभाग ने निलंबन तोड़कर न सिर्फ एक जिला दिया बल्कि दो-दो जिला देकर अपनी मंशा साफ कर दी है. दागी एमवीआई को मधुबनी के साथ-साथ सुपौल जिले की भी जिम्मेदारी दी गई है. 

अपने ही आदेश में घिर गया गया परिवहन विभाग   

अब जरा दूसरे मामले पर आइए. 22 जून 2022 को परिवहन विभाग ने आदेश संख्या 3577 से अवैध संपत्ति अर्जित करने के केस में फंसे एक एमवीआई अमिताभ कुमार को फील्ड पोस्टिंग दिया था. यानि भोजपुर जिले का एमवीआई बनाया था. न्यूज4नेशन ने जब इस मामले का खुलासा किया तो मुख्यमंत्री सचिवालय ने संज्ञान लिया था. इसके बाद आनन-फानन में परिवहन विभाग ने अपना यह आदेश ज्ञापांक संख्या-3685 से वापस ले लिया था. 24 जून 2022 को ही आदेश वापस लेते हुए आरोपी सरकारी सेवक अमिताभ कुमार को फील्ड से हटाकर परिवहन मुख्यालय में पदस्थापित किया . आज भी वो मुख्यालय में ही पदस्थापित हैं, फील्ड में नहीं भेजा गया है. जबकि 7 फरवरी 2024 के परिवहन विभाग के आदेश में अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोपी एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह जिनके खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने छापेमारी की थी, उन्हें दो जिला सौंप दिया गया. सवाल यही...जब आरोप एक हैं, फिर दो तरह के आदेश कैसे ? अगर परिवहन विभाग 7 फरवरी के आदेश को सही मान रहा, तब 24 जून 2022 का वह आदेश गलत था, जिस आधार पर भोजपुर के एमवीआई के पद पर पदस्थापित किए गए अमिताभ कुमार को 48 घंटे के अंदर ही फील्ड से वापस बुला लिया गया था. 

...तो 2022 को आदेश गलत था ? 

परिवहन विभाग को जवाब देना चाहिए, अगर 7 फऱवरी 2024 का आदेश सही है तो क्या 24 जून 2022 का वो आदेश गलत था ?  जिस आधार पर भोजपुर के तत्कालीन एमवीआई अमिताभ कुमार जिन्हें विभाग ने दागी मानते हुए फील्ड से हटाकर मुख्यालय में पोस्टिंग की थी ? कहीं न कहीं पूरे मामले में परिवहन विभाग कटघरे में है. ऐसा नहीं कि हमने परिवहन विभाग से जानकारी नहीं मांगी. हमने इस संबंध में परिवहन सचिव से जानना चाहा. हमने उन्हें सवाल किया कि क्या विभाग ने अपने ही आदेश को रद्दी की टोकरी में डाल दिया ? इसी तरह के मामले में जून 2022 में विभाग ने अपना आदेश वापस ले लिया था, तब फिर इस बार दागी को फील्ड में एक नहीं बल्कि दो जिला देकर उपकृत करने के पीछे क्या मजबूरी है ? लेकिन उन्होंने सवाल का कोई जवाब नहीं दिया. 

Suggested News