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'ऊँट के मुँह में जीरे का फोरन' मोदी सरकार की बिहार के लिए बजट में घोषणा पर बिफरी रोहिणी आचार्य...

'ऊँट के मुँह में जीरे का फोरन' मोदी सरकार की बिहार के लिए बजट में घोषणा पर बिफरी रोहिणी आचार्य...

PATNA: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में मोदी सराकर 3.0 का पहला बजट पेश की। इस बजट में बिहार को मोदी सरकार ने कई सौगात दी है। वित्त मंत्रालय से प्रदेश को लगभग 58 हजार करोड़ स्पेशल पैकेज मिला है। बिहार को तीन एक्सप्रेस-वे सहित कई बड़ी सौगात मिली है। वहीं विपक्ष बजट को लेकर लगातार हमलावर है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बजट को लेकर कहा कि, बिहार को झुनझुना दिया गया है। वहीं अब राजद सुप्रीमो लालू यादव की लाडली रोहिणी आचार्य ने बजट को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। 

उन्होंने बजट को बिहार की उपेक्षा और भरमाने वाला बजट बताया है। रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर ट्विट कर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। रोहिणी ने ट्विट कर कहा कि,भरमाने वाला बजट .. बिहार की उपेक्षा..। आजादी के बाद से देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी का सृजन करने वाली सरकार के द्वारा आज प्रस्तुत बजट वस्तुतः भरमाने वाला है।

रोहिणी ने कहा कि, पुराने प्रावधानों को ही ऐसे प्रस्तुत किया गया है जिससे आम आवाम को लगे कि कोई बड़ी छूट और राहत दी गयी है और चरमराती अर्थव्यवस्था को सुधारने के मकसद से बड़े बदलाव किए गए हैं। 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड लाने की बात तो की गयी है , मगर एमएसपी को कानूनी मान्यता प्रदान करने के मुद्दे पर बजट मौन है। महँगाई नियंत्रित करने और रोजगार सृजन के मुद्दे पर भी बजट में कोई स्पष्टता नहीं है। रोजगार गारंटी जैसे अहम मुद्दे का भी कोई जिक्र नहीं है।

उन्होंने कहा कि, मोबाइल फोन सस्ता किए जाने का प्रस्ताव तो है, मगर घरेलू गैस सिलेंडर, रोजमर्रा इस्तेमाल की वस्तुएं, खाद्यान, पेट्रोल-डीजल की कीमतें वाजिब तौर पर कम करने की बात नहीं है। मध्यम आय वर्ग , निम्न आय वर्ग और अति - निम्न आय वर्ग ( गरीब ) की आमदनी में इजाफे के उपाय भी बजट से गौण हैं। विशेष - राज्य के दर्जे की मांग कर रहे बिहार के लिए महज 41 हजार करोड़ की आर्थिक मदद का प्रावधान किया गया है। 

ये सीधे तौर पर बिहार के हितों की अनदेखी है।" ऊँट के मुँह में जीरे का फोरन " कैसी बात है। सरकार की पसंदीदा निजी कंस्ट्रक्शन व् सीमेंट कंपनियों को फायदा पहुँचाने के उद्देश्य से बिहार में हाईवेज - एक्सप्रेसवेज के निर्माण के लिए 26000 करोड़ रूपए का बजटीय प्रावधान किया गया है। मगर बिहार की बदहाल ग्रामीण सड़कों के विकास के लिए कोई विशेष - प्रावधान नहीं है।

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