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जोकीहाट : मुस्लिम वोटर नीतीश के साथ या लालू के साथ !

जोकीहाट :  मुस्लिम वोटर नीतीश के साथ या लालू के साथ !

PATNA : जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव बिहार की राजनीति का टर्निंग प्वाइंट बनेगा। इस चुनाव के नतीजे बताएंगे कि मुस्लिम वोटर नीतीश के साथ हैं कि लालू प्रसाद के साथ। जदयू को नीतीश के विकास मॉडल पर बहुत भरोसा है। नीतीश अक्सर कहते रहे हैं कि वे जनता के बीच अपने काम की मजदूरी मांगने जाते हैं। तो क्या जोकीहाट में विकास का मुद्दा काम आएगा या फिर समुदाय के नाम पर वोटिंग होगी। नीतीश के लिए यह सीट प्रतिष्ठा की लड़ाई है। जदयू पर दबाव है कि वह अपनी सीट को बरकरार रखे। इसी ख्याल से गुरुवार को नीतीश कुमार ने जोकीहाट में चुनावी सभा की।

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जोकीहाट मुस्लिम बहुल इलाका है। इस विधानसभा सीट पर तस्लीमुद्दीन परिवार का कब्जा रहा है। 13 चुनावों में 9 बार ये सीट तस्लीमुद्दीन परिवार के खाते में गयी है। लेकिन चार बार यहां धारा के खिलाफ भी नतीजे आये हैं। राजद में रहते हुए भी सरफराज आलम यहां दो बार हार चुके हैं। यही वो नतीजे हैं जो नीतीश कुमार को सुकून दे सकते हैं।

फरवरी 2005 और अक्टूबर 2005 में यहां नीतीश कुमार का जादू चला था। दोनों बार जदयू के उम्मीदवार मंजर आलम ने राजद के सरफराज आलम को हराया था। उस समय सीमांचल के हेवीवेट तस्लीमुद्दीन जिंदा थे। उनके रहते नीतीश कुमार ने तीर को निशाने पर बेधा था। नीतीश कुमार के बढ़ते आभामंडल को देख कर ही सरफराज राजद से जदयू में आये थे। वे जदयू से दो बार विधायक भी बने। उनके राजद से सांसद चुने जाने के बाद ही ये सीट खाली हुई है।

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दिवंगत तस्लीमुद्दीन पहली बार 1969 में कांग्रेस के टिकट पर यहां से विधायक बने थे। उसके बाद यहां उनका ऐसा दबदबा कायम हुआ कि कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा। वे कभी कांग्रेस, जनता पार्टी, निर्दलीय और यहां तक कि सपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते रहे लेकिन हर बार जीते। वे यहां से 5 बार विधायक बने। सरफराज आलम यहां से 4 बार विधायक रहे। यानी पिता-पुत्र 9 बार यहां से जीते।

नीतीश कुमार के लिए परेशानी का सबब है अररिया लोकसभा उपचुनाव का परिणाम। अररिया लोकसभा की छह विधानसभा सीटों में से चार पर बीजेपी ने बढ़त बनायी थी लेकिन जोकीहाट और अररिया सीट पर राजद के पक्ष में इतनी जबर्दस्त वोटिंग हुई कि सरफराज आलम जीत गये। जोकीहाट में सरफराज आलम को बंपर वोट मिले थे। लेकिन उसे दिवगंत तस्लीमुद्दीन के सहानुभूति वोट से जोड़ कर देखा गया था।

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जोकीहाट में बहुसंख्यक वोटर मुस्लिम हैं। वे विकास के नाम पर वोट करेंगे कि तस्लीमुद्दीन की विरासत को आगे बढ़ाएंगे, यह एक बड़ा सवाल है। वैसे ये भी सच है कि यहां से सरफराज आलम दो बार चुनाव हार चुके है। यानी यहां राजद को हराया जा सकता है,बशर्ते नीतीश का जादू फिर चले।

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