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थाने में केस दर्ज होते कोर्ट में सीधे देख सकेंगे जज, फोरेंसिक साइंस से केसों को सुलझाएगी बिहार पुलिस

थाने में केस दर्ज होते कोर्ट में सीधे देख सकेंगे जज, फोरेंसिक साइंस से केसों को सुलझाएगी बिहार पुलिस

PATNA : केंद्र सरकार ने एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू करने की घोषणा कर दी है। ये कानून औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (IEA) की जगह लेंगे। नए कानून से बिहार के पुलिसकर्मी अच्छी तरह से समझ सकें, इसके लिए बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा आज से विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। पटना के ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम 25 हजार पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही बिहार पुलिस को पूरी तरह से डिजिटल करने की दिशा में तैयारी शुरू कर दिया है।

इस बारे में पुलिस मुख्यालय आईजी जेएस गंगवार ने बताया कि आज से यह कार्यक्रम शुरू किया गया है. जिसमें नए कानूनों को लेकर पुलिसकर्मियों को जानकारी दी जा रही है। साथ ही थाने से सीधे कोर्ट को जोड़ने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार के ज्यादातर पुलिस स्टेशनों में सीसीटीएनएस से काम शुरू कर दिया गया है। जल्द ही इसे आईसीडीएस से जोड़ दिया जाएगा। जिसके बाद थाने में हुआ एफआईआर अब सीधे कोर्ट में देखा जा सकेगा। उसी तरह से न्यायालय द्वारा किसी को रिमांड पर लिया जाएगा तो वह भी यहां देखा जा सकेगा। 

जेएस गंगवार ने बताया कि पुलिस कर्मियों को नए कानून के बारे में ट्रेनिंग देने के साथ फोरेंसिक साइंस के अधिक इस्तेमाल करने और डिजिटल पुलिसिंग को लेकर प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही सभी आईओ को लैपटॉप और स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जाएगा। जिसके लिए प्रस्ताव गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। जिस पर सभी आईओ अपने यहां दर्ज केस के बारे में जानकारी रख सकेंगे। यही एफआईआर कोर्ट भी चली जाएगी। 

हमलोगों को पूरी उम्मीद है कि नए कानूनों और पुलिस को मिल रही विशेष प्रशिक्षण से केसों को सुलझाने में तेजी आएगी। साथ ही जो साक्ष्य हैं, उसे खराब करना भी मुश्किल होगा।

रिपोर्ट - अनिल कुमार



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