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मां गंगा को कर दिया गंदा! पवित्र नदी में तैरती दो हजार लाशें अपनी व्यथा किससे कहे, तीन जिलों में नदी के किनारे की तस्वीरें खौफनाक

मां गंगा को कर दिया गंदा! पवित्र नदी में तैरती दो हजार लाशें अपनी व्यथा किससे कहे, तीन जिलों में नदी के किनारे की तस्वीरें खौफनाक

VARANASI : गंगा नदी को हिन्दू धर्म ग्रंथों में बेहद पवित्र माना गया है। कहा जाता है नदी किनारे अंतिम संस्कार करने और अस्थियों को नदी में प्रवाहित करने आत्मा को स्वर्ग की प्राप्ती होती है। लेकिन इस पवित्र नदी में पिछले कुछ दिनों से जिस तरह लाशों के मिलने की घटनाएं सामने आई है। उसके बाद हर कोई आश्चर्यचकित है। विशेषकर उत्तर प्रदेश, जहां के एक बड़े हिस्सा गंगा नदी से सीधा जुड़ा है, उन जिलों में सैंकड़ों की तादाद में लाशें मिलने की घटना सामने आई है। एक अनुमान के अनुसार यूपी में अब तक दो हजार से अधिक लाश गंगा नदी के किनारे से बरामद की जा चुकी है। 

यूपी में बिजनौर, मेरठ, मुज्जफरनगर, बुलंदशहर, हापुड़, अलीगढ़, कासगंज, संभल, अमरोहा, बदांयू, शाहजहांपुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और बलिया आदि ऐसे जिले हैं जहां से होकर गंगा नदी गुजरती है। इन्हीं जिलों में 1140 किलोमीटर का सफर तय करके हुए बिहार में दाखिल होती हैं। जब इन जिलों में गंगा घाटों की जिला प्रशासन ने जांच की तो हैरान करनेवाली तस्वीरें सामने आई


घाटों पर लाशों का ढेर

यूपी के बलिया जिले से शुरू हुए बवाल के बाद एक के बाद कई जिलों से लाश मिलने लगी। इनमें से कुछ नदी में प्रवाहित की गई थीं, वहीं कुछ घाटों पर दफन किए गए थे। उदाहरण के लिए कानपुर के शेरेश्चवर घाट के पास आधे घंटे की दूरी में 400 से ज्यादा लाशों को दफन किया गया है। यहां स्थिति थी दूर तक लाशें ही लाशें नजर आ रही थीं। उसी तरह रेप जैसी घटनाओं के कारण चर्चा में रहे उन्नाव में 900 लाशें गंगा घाट के पास दफन की गई मिली है। यहां हर तरफ मानव अंगे नजर आ रहे थे। वहीं कन्नौज के महादेवी गंगा घाट के पास करीब 350 से ज्यादा शव दफन हैं। प्रशासन इन पर मिट्‌टी डलवा रही है, ताकि कोई देख न 

उन्नाव से सटे फतेहपुर में भी गंगा किनारे करीब 20 शव दफन मिले। प्रयागराज से अब तक 13 शवों को गंगा और यमुना नदी से निकाला गया है। चंदौली के बड़ौरा गांव में गंगा घाट पर दो दिन के अंदर 12 से ज्यादा लाशें उतराए नजर आए। भदोही के रामपुर गंगा घाट पर पिछले दो दिनों के अंदर 8 शव गंगा किनारे मिले। वाराणसी के सूजाबाद क्षेत्र में गंगा किनारे एक साथ 7 शव मिले। वहीं मिर्जापुर में भी एक शव गंगा घाट पर मिला। इन सभी की हालत बेहद खराब थी। शव पूरी तरह से सड़ चुके थे। जिन्हें जेसीबी की सहायता से वहीं दफन कर दिया गया। मिर्जापुर के फतहा घाट पर सोमवार को एक शव गंगा किनारे मिला। इसके पहले भी हर रोज एक-दो लाशें मिलती रहती थी। पुलिस ने सभी शवों को जेसीबी से वहीं घाट किनारे रेत में दफन करवा दिया। लाशों के मिलने का सिलसिला गाजीपुर और बलिया से शुरू हुआ था। जो अब तक जारी है। बताया जा रहा है कि अब तक इन जिलों में 300 के करीब लोगों के शव नदीं से निकाले जा चुके हैं। 

ह्यूमन राइट्स ने मांगा है जवाब 

जिस तरह गंगा नदी में लाशें बरामद की जा रही है, उसके बाद मानवाधिकार आयोग ने केंद्र, यूपी और बिहार सरकार से जवाब मांगा है। आयोग ने इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया है और पूछा है कि लाशों को लेकर वह पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करें, जिसमे इस बात का जिक्र हो गि इन लाशों के साथ क्या किया गया।

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