NEWS4NATION DESK : आजमौनी अमावस्या है इसे लेकर प्रयागराज के अलावा अयोध्या में सरयू तट पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। लोग संगम में डुबकी लगाकर पूजा अर्चना में जुटे है।
मौनी अमावस्या का मुख्य स्नान प्रयागराज का होता है। मान्यता है कि सारे तीर्थ मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज पहुंचते हैं। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन त्रिवेणी में स्नान करना श्रद्धालुओं के लिये कई गुना अधिक फलदायी माना जाता है। जो लोग गंगा स्नान के लिए संगम नहीं जा पाते, वे अयोध्या में सरयू स्नान कर अक्षय पुण्य अर्जित करते हैं।
ऐसी मान्यता है कि आज का दिन मौन रहकर संयम के साथ किया गया संकल्प ही मौनी अमावस्या का फल देने वाला है। इस पर्व पर त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने से श्रद्धालुओं के शरीर के साथ ही आंतरिक काया का भी शुद्धिकरण होता है।
मान्यता के अनुसार सूर्य 12 राशि में भ्रमण करता है और जैसे ही मकर राशि में सूर्य प्रवेश करता है तो मकर राशि में प्रवेश के साथ ही इसका स्नान प्रारंभ होता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण तिथि अमावस्या है। मकर राशि में प्रवेश विस्तार से सारे तीर्थ प्रयागराज में पहुंचते हैं, जो लोग मौन व्रत रख करके प्रयाग में कल्पवास के साथ मौनी अमावस्या को स्नान करते हैं, उन्हें सारे तीर्थों का फल प्राप्त होता है।