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ईवीएम से जुड़ा था एनडीए उम्मीदवार के रिश्तेदार का मोबाइल! लोकसभा चुनाव में 48 वोटों से जीतने वाले सांसद घिरे विवादों में, पुलिस ने दर्ज किया मामला

ईवीएम से जुड़ा था एनडीए उम्मीदवार के रिश्तेदार का मोबाइल! लोकसभा चुनाव में 48 वोटों से जीतने वाले सांसद घिरे विवादों में, पुलिस ने दर्ज किया मामला

पटना/दिल्ली. ईवीएम पर उठाए जा रहे सवालों के बीच अब एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. लोकसभ चुनाव में मात्र 48 वोटों से जीते रवीन्द्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर को लेकर दावा किया गया है कि उनका मोबाइल फोन ईवीएम से जुड़ा था. 4 जून को मतगणना के दिन मंगेश पंडिलकर मोबाइल फोन लेकर मतगणना केंद्र के अंदर गए थे. इसे लेकर उनके खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है. अब पुलिस जाँच को लेकर दावा किया गया है कि मंगेश पंडिलकर का फोन ईवीएम मशीन से जुड़ा था. पुलिस ने कहा कि इस मोबाइल फोन का इस्तेमाल ईवीएम मशीन को अनलॉक करने वाले ओटीपी को जनरेट करने के लिए किया गया था. 

राजद ने बोला हमला : इसे लेकर अब बिहार में लालू यादव की पार्टी राजद  सहित कई अन्य विपक्षी दलों ने सवाल उठाया है. राजद की ओर से पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा गया कि 'मुंबई में NDA के कैंडिडेट रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल फोन EVM से जुड़ा था !  गौरतलब है कि NDA के इस कैंडिडेट की जीत सिर्फ 48 वोट से हुई ! आखिर NDA के कैंडिडेट के रिश्तेदार का मोबाइल EVM से कैसे और क्यों जुड़ा था? जहां वोटों की गिनती हो रही थी, वहां मोबाइल फोन कैसे पहुंच गया?  जब मोदी प्रधानमंत्री हों तो सचमुच हर घालमेल मुमकिन है! अंधभक्त चुनाव आयोग को जवाब देना तो बनता है!'

मतदान कर्मी ने की थी शिकायत : दरअसल, मतदान कर्मी दिनेश गुरव की शिकायत पर पांडिलकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. एक निर्दलीय उम्मीदवार ने मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन पर प्रतिबंध के बावजूद उसे मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए देखा और रिटर्निंग अधिकारी को इसकी जानकारी दी. आरओ ने वनराई पुलिस से संपर्क किया. इसके बाद वनराई पुलिस ने चुनाव आयोग के मतदान कर्मी दिनेश गुरव के साथ मंगेश पंडिलकर को CTPC 41ए के तहत नोटिस भेजा है. 

शुरू हुई जाँच : यह घटना कथित तौर पर 4 जून को मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट के लिए वोटों की गिनती के दौरान नेस्को सेंटर के अंदर हुई. रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने मोबाइल फोन का डेटा और कॉल रिकॉर्ड पता लगाने के लिए मोबाइल फोन को फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) में भेज दिया है. "हम यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या मोबाइल फोन का इस्तेमाल किसी और कारण से किया गया था,"

पहले कीर्तिकर जीते फिर बदला परिणाम : रविंद्र वायकर ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को महज 48 वोट से हराया था. इस सीट पर पहले कीर्तिकर को एक वोट से विजयी घोषित किया गया था, लेकिन रीकाउंटिंग करने पर वायकर 48 वोट से जीत गए. रविंद्र वायकर को 4 लाख 52 हजार 644 वोट मिले हैं. वहीं उद्धव गुट के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को 4 लाख 52 हजार 596 वोट मिले हैं.

प्रियंका चतुर्वेदी ने बोला हमला : इस मामले को लेकर शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा कि "यह बड़े स्तर पर की गई धोखाधड़ी है, लेकिन फिर भी चुनाव आयोग सोता रहता है. हेरफेर करने वाले विजेता सांसद का रिश्तेदार मतगणना केंद्र पर एक मोबाइल फोन लेकर गया था, जिसमें EVM मशीन को अनलॉक करने की क्षमता थी. अगर ECI ने इसमें हस्तक्षेप नहीं किया, तो यह चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बाद सबसे बड़ा चुनाव रिजल्ट घोटाला होगा और यह लड़ाई अदालत में जाएगी. इस बेशर्मी की सजा मिलनी चाहिए."

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