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नीतीश ने चप्पल फेंके जाने की घटना पर तोड़ी चुप्पी, कहा - कुछ लोग प्रचार पाने के लिए करते हैं ऊटपटांग हरकतें

नीतीश ने चप्पल फेंके जाने की घटना पर तोड़ी चुप्पी, कहा - कुछ लोग प्रचार पाने के लिए करते हैं ऊटपटांग हरकतें

PATNA :  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ऊपर चप्पल फेंके जाने की घटना पर तीन दिन बाद प्रतिक्रिया दी है। गुरूवार को जदयू छात्र समागम में एक छात्र ने नीतीश कुमार की तरफ चप्पल फेंक दी थी। एससी-एसटी आरक्षण का विरोध में उसने ऐसा किया था।

प्रचार पाने के लिए उटपटांग हरकत

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनुसूचित जाति-जनजाति डेवलपमेंट कन्क्लेव में कहा कि कुछ लोग प्रचार पाने के लिए उटपटांग हरकतें करते हैं। एक चप्पल फेंक दी और पूरे देश में उसकी चर्चा हो गयी। लेकिन इन बातों से मुझ पर कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारा नजरिया सबके लिए होता है लेकिन कमजोर के लिए कुछ अधिक होता है। एससी-एसटी के लिए हमारी सरकार हर क्षेत्र में काम कर रही है। बाबा साहेब अम्बेदकर ने आज के दिन ही बौद्धधर्म को अपनाया था। भगवान बुद्ध ने शांति और अहिंसा का संदेश दिया था। हम सभी को इस मार्ग पर चलना चाहिए।

 समावेशी विकास की नीति

नीतीश कुमार ने कहा जब तक सबसे अंतिम कतार में खड़े लोगों का विकास नहीं हो जाता तब तक समावेशी विकास का मकसद पूरा नहीं हो सकता। 2005 से मैंने बहुत नीचले स्तर से काम शुरू किया था। पहले अल्पसंख्यक और दलित समाज के बच्चे स्कूल नहीं जाते थे । हमने उनको स्कूल से जोड़ने के लिए टोलासेवक और तालीम मरकज की बहाली की। साइकिल योजना से लोगों का नजरिया ही बदल गया। अब हम एससी-एसटी को कारोबारी बना रहे हैं। कारोबार शुरू करने के लिए 10 लाख रुपये दे रहे हैं। इसमें 5 लाख अनुदान होगा और 5 लाख बिना सूद का कर्ज होगा।

 

बदल रहा है सामाजिक परिवेश

जीविका ने समाज के आर्थिक विकास में क्रांति ला दी है। 83 लाख महिलाएं आज स्वयं सहायता ग्रुप से जुड़ चुकी है। शराबबंदी से गरीब तबके को बहुत फायदा मिल रहा है। वे अपनी कमाई का आज सदुपयोग कर रहे हैं। जो पैसा पहले शराब में खर्च होता था अब वह घर की जरूरतों पर खर्च हो रहा है। शराबबंदी से पहले जनप्रतिनिधियों के फजीहत झेलनी पड़ती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। पहले सड़क नहीं थी, अब हर इलाके में सड़क है। पहले हम ट्रेन से बख्तियारपुर जाते थे और फिर पैदल ही क्षेत्र में जाते थे। आज पैदल चलने की जरूरत ही नहीं पड़ती।

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