बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

शिक्षक और शिक्षाकर्मियों के आवेदन पर विभाग में नहीं होती कार्रवाई, शिक्षा विभाग ने जाहिर की अपनी नाराजगी, जिलों में व्याप्त भ्रष्टाचार की खोल दी पोल

शिक्षक और शिक्षाकर्मियों के आवेदन पर विभाग में नहीं होती कार्रवाई, शिक्षा विभाग ने जाहिर की अपनी नाराजगी, जिलों में व्याप्त भ्रष्टाचार की खोल दी पोल

PATNA : बिहार के जिलो में शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों के कर्मियों के आवेदनों को कैसे दरकिनार कर दिया जाता है। इसकी पोल शिक्षा विभाग ने खोल दी है। पहली बार शिक्षा विभाग ने इस बात को स्वीकार किया है कि शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों से प्राप्त आवेदनों का प्रखंड शिक्षा कार्यालय, डीईओ कार्यालय में नियमानुसार संधारण / पंजीकरण नहीं होता है। जिसको लेकर अब शिक्षा विभाग ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। शिक्षा विभाग ने यह साफ कर दिया है कि शिक्षकों के सभी आवेदन सिर्फ बीईओ कार्यालय में स्वीकृत होंगे। डीईओ कार्यालय में कोई भी शिक्षक नहीं जाएंगे। 

गलत मंशा से लटकाते हैं आवेदन

शिक्षा विभाग ने कहा है कि विशेषकर मातृत्व अवकाश, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, बकाया वेतन भुगतान एवं सेवांत लाभ के भुगतान जैसे वित्तीय मामलों से संबंधित आवेदनों को लंबे समय तक अन्यान्य कारणों / गलत मंशा से लटका कर रखा जाता है। 

अनुचित अपेक्षाओं की पूर्ति के उपरांत अचानक संदेहास्पद रूप से एक ही दिन में आवेदन का उपस्थापन, उनकी स्वीकृति एवं उसी दिन भुगतान कर दिये जाने का मामला उच्च स्तर पर विभाग के संज्ञान में आया है। जबकि यह आवेदन उनके पास महीनों से अलमारी में बंद पड़े थे। यह Pick & Choose कर संदेहास्पद कारणों से मामलों को निष्पादित करने का स्पष्ट प्रमाण है।

आवेदन के अनुसार होना चाहिए रजिस्टर्ड

निदेशानुसार वर्णित स्थिति में आपको निदेशित किया जाता है कि आप अपने अधीनस्थ सभी शिक्षक / शिक्षकेत्तर कर्मियों को निदेशित करें कि वे अपने सेवा/ सेवांत लाभ से संबंधित सभी प्रकार का आवेदन संगत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में समर्पित करें। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा प्राप्त सभी आवेदनों को क्रमानुसार रजिस्टर में पंजीकृत किया जायेगा। 

बीईओ आवेदनों को भेजेंगे डीईओ ऑफिस

सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी प्राप्त आवेदनों के निष्पादन हेतु सक्षम प्राधिकार का विचार करते हुये आवेदनों को जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय / जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कार्यालय में प्रेषित / प्राप्त करायेंगें। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय / जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कार्यालय के द्वारा उक्त माध्यम से प्राप्त आवेदनों का निष्पादन First Come First Out के आधार पर करना सुनिश्चित करेंगें। किसी कारण से क्रम भंग होता है तो उक्त कारणों को पंजी में अभ्युक्ति कॉलम में अंकित कर कार्रवाई की जायेगी। 

शिक्षा विभाग ने यह साफ कर दिया है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी डीईओ और बीईओ की होगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सीधे डीईओ ऑफिस में नहीं जमा करेंगे आवेदन

शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों को लेकर यह साफ कर दिया है कि कोई भी अपना आवेदन सीधे-सीधे जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय/जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कार्यालय में अपने आवेदनों को लेकर नहीं जायेंगें। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय / जिला कार्यक्रम कार्यालय में पदस्थापित कर्मी यथा लिपिक / प्रधान लिपिक आदि दुरभाष / मोबाईल पर आवेदक से कोई संपर्क नहीं करेंगें।

Suggested News