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पीएम मोदी के हनुमान चिराग को नहीं पसंद आया सीएम योगी का फैसला, कांवड़ रूट पर दुकानदारों के नाम लिखे जाने के आदेश का विरोध

पीएम मोदी के हनुमान चिराग को नहीं पसंद आया सीएम योगी का फैसला, कांवड़ रूट पर दुकानदारों के नाम लिखे जाने के आदेश का विरोध

NEW DELHI : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा कांवड़ रुट पर लगनेवाले दुकानों के मालिक का नाम बोर्ड पर लिखे जाने के आदेश को लेकर न सिर्फ विपक्ष द्वारा विरोध जताया रहा है। अब इस विरोध में चिराग पासवान का नाम भी शामिल हो गया है। एनडीए सरकार में शामिल केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी इस फैसले पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि जब भी जाति या धर्म के नाम पर कोई विभाजन होता है, तो मैं इसका बिल्कुल समर्थन नहीं करता। इससे पहले, एनडीए सरकार के ही जेडीयू और आरएलडी ने भी यूपी सरकार के इस फैसले का विरोध किया था।

इस फैसले का विरोध न सिर्फ विपक्ष, बल्कि बीजेपी के सहयोगी दल ही कर रहे हैं। आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने एक्स पर लिखा कि उत्तर प्रदेश प्रशासन का दुकानदारों को अपनी दुकानों पर नाम और धर्म लिखने का निर्देश देना जाति और संप्रदाय को बढ़ावा देने वाला कदम है। उन्होंने इस निर्देश को वापस लेने की भी मांग की। वहीं, जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने भी कहा है कि सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने वाला कोई भी आदेश नहीं जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से इस आदेश की समीक्षा करने की भी मांग की। 

बीजेपी के वरिष्ठ नेता नकवी ने भी उठाए सवाल

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के मद्देनजर भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा कि आस्था का सम्मान होना चाहिए, पर अस्पृश्यता को संरक्षण नहीं मिलना चाहिए।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सबसे पहले पुलिस प्रशासन ने निर्देश दिया था कि कांवड़ रूट पर पड़ने वाली दुकानों पर दुकानदारों के नामों का बोर्ड लगवाना होगा। इसके बाद शामली और सहारनपुर जिले में भी ठीक ऐसा ही निर्देश दिया गया। इसके चलते सपा, बसपा, कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने इसका विरोध जताया था। अखिलेश यादव ने बीजेपी को सामाजिक सद्धाव का दुश्मन करार दिया। वहीं, मायावती ने भी इस आदेश को वापस लेने की मांग की थी। 

पुलिस प्रशासन के आदेश के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि प्रदेशभर में कांवड़ रूट पर खाने-पीने की दुकानों के मालिक का नाम पहचान लिखना होगा। यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा, हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट्स बेचने वालों पर भी ऐक्शन की बात कही है। 

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