पटना. गंगा विलास क्रूज का स्वागत करने के लिए नेता और अधिकरियो की बड़ी फ़ौज सिमरिया में मुंह ताकते खड़े रह गए. बुधवार को बेगूसराय के सिमरिया गंगा घाट पर सुबह से ही नेताओं और अधिकारियों सहित स्थानीय लोग बड़ी संख्या में गंगा विलास क्रूज से आ रहे विदेशियों का स्वागत करने खड़े थे. लेकिन गंगा नदी में वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक सैलानियों को घुमाने निकला गंगा विलास क्रूज बुधवार सुबह बेगूसराय के सिमरिया गंगा घाट पर बिना रुके ही आगे बढ़ गया. क्रूज के यहां रुकने को लेकर पिछले दिनों जोरदार तैयारी की गई थी लेकिन अंतिम समय में क्रूज मुंगेर की ओर आगे बढ़ गया.
भारत यात्रा पर निकले जर्मनी और स्विट्जरलैंड के लगभग 30 विदेशी सैलानियों के स्वागत के लिए बुधवार सुबह से ही गहमागहमी देखी गई. क्रूज के यहां सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर पहुंचने की संभावना थी लेकिन गंगा नदी के रास्ते गंगा विलास क्रूज पर बैठे विदेशी सैलानी सिमरिया पहुंचे, पर गंगा विलास यहां रुका ही नहीं और सारी तैयारी धरी की धरी रह गई. यहां तक कि अधिकारी और नेता हाथ में गुलाब का फूल लेकर खड़े थे. क्रूज के नहीं रुकने पर सभी मायूस नजर आए.
पहले से माना जा रहा था कि क्रूज यहां रुकेगा. अंत समय में ऐसा क्या हुआ जिस कारण क्रूज को नहीं रोका गया इसे लेकर कुछ भी स्पष्टता नहीं है. वहीं क्रूज के नहीं रुकने से लोगों में मायूसी देखी गई. सिमरिया घाट पर क्रूज को देखने और विदेशी सैलानियों का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में उत्साहित लोग सुबह से घाट पर खड़े थे. कई लोग दूर-दूर से यहां आए थे. उन सभी को क्रूज के नहीं रुकने से निराशा हाथ लगी.
गंगा विलास क्रूज भारत और बांग्लादेश के पांच राज्यों में 27 नदी प्रणालियों से गुजरते हुए 3200 किलोमीटर की लंबी यात्रा करेगा. इसे दुनिया की सबसे लंबी नदी यात्रा के रूप में माना जा रहा है. गंगा विलास क्रूज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर वाराणसी से रवाना किया था. 17 जनवरी को यह पटना पहुंचा था जिसके बाद इसके सिमरिया और मुगेर तथा भागलपुर रुकने की बातें कही जा रही थी.