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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल यात्रियों को दी बड़ी खुशखबरी, मिडिल क्लास और कम आय वाले को मिलेगी राहत

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल यात्रियों को दी बड़ी खुशखबरी, मिडिल क्लास और कम आय वाले को मिलेगी राहत

PATNA: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी 3.0 का पहला बजट संसद में पेश कर दिया है। बजट घोषणा के बाद देश की सियासत गरमाई हुई है। विपक्ष बजट की आलोचना कर रहे हैं। वहीं भाजपा नेता बजट को विकसित भारत की संकल्प पूर्ति वाला बजट बता रहे हैं। बता दें कि, बजट में वित्त मंत्री ने कई क्षेत्रों को लेकर घोषणाएं की। इस दौरान सभी की नजरें रेलवे को लेकर होने वाली घोषणाओं पर नजर थी। बजट में रेलवे का जिक्र तो एक ही बार हुआ लेकिन बजट खत्म होने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने करोड़ों रेल यात्री को अच्छी खबर दी हैं। इससे मिडिल क्लास और कम आय वाले परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। 

इस मामले में रेल मंत्री ने बताया है कि रेलवे अभी ढाई हजार नॉन-एसी कोच बना रहा है और अगले तीन सालों में दस हजार और एक्स्ट्रा नॉन एसी कोच बनाए जाएंगे। रेलवे का उद्देश्य यह है कि कम आय वाले परिवार और मिडिल क्लास किफायती कीमत पर सुरक्षित यात्रा कर सकें। ट्रेनें हजार किलोमीटर की यात्रा के लिए लगभग 450 रुपये की लागत पर विश्व स्तरीय सुविधाएं दे रही हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि साल 2014 से पहले रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय पर निवेश 35,000 करोड़ रुपये के आसपास हुआ करता था। आज यह 2.62 लाख करोड़ रुपये है। यह रेलवे के लिए रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय है। मैं रेलवे में इस तरह के निवेश के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री का बहुत आभारी हूं। अगर हम 2014 से पहले के 60 सालों को देखें तो नई ट्रेनों की घोषणा बिना यह सुनिश्चित कर ली जाती थी कि पटरियों में क्षमता है या नहीं। बिल्कुल लोकलुभावन उपाय किए गए जिनका रेलवे के बुनियादी ढांचे की स्थिति से कोई संबंध नहीं था। पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करने पर बड़े पैमाने पर ध्यान केंद्रित किया है कि नींव ठीक से तैयार हो।

रेल मंत्री ने आगे कहा, ''एसी और गैर एसी कोचों का अनुपात आम तौर पर 1/3 और 2/3 रहा है। उस अनुपात को बनाए रखा गया है। गैर एसी यात्रा की मांग अब बढ़ गई है। अधिक से अधिक लोग यात्रा कर रहे हैं, अधिक से अधिक लोग गैर एसी सेगमेंट के लिए यात्रा सेवाओं की मांग कर रहे हैं। इसलिए हमने एक विशेष अभियान चलाया है। हम 2,500 गैर-AC कोच बना रहे हैं और आने वाले तीन वर्षों में हम नियमित उत्पादन कार्यक्रम के अलावा 10,000 अतिरिक्त गैर-AC कोच बनाएंगे।''

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