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RWD के इंजीनियर-ठेकेदार का अजब-गजब कारनाम...सड़क निर्माण शुरू करने से पहले ही खत्म कर दिया, साइन बोर्ड से ही खुल गई पोल

RWD के इंजीनियर-ठेकेदार का अजब-गजब कारनाम...सड़क निर्माण शुरू करने से पहले ही खत्म कर दिया, साइन बोर्ड से ही खुल गई पोल

PATNA: ग्रामीण कार्य विभाग के सड़क निर्माण में तरह-तरह के खेल किए जाते हैं. चूंकि इस विभाग से ग्रामीण सड़कों का निर्माण होता है, लिहाजा कई ऐसे मामले हैं जो दबे रह जाते हैं. वहां तक पहुंच नहीं हो पाती. लिहाजा इंजीनियर और ठेकेदार मिलकर जमकर खेल करते हैं. सड़क निर्माण को लेकर साईन बोर्ड लगाना है. पूरी जानकारी साझा करनी है, लेकिन विभागीय मिलीभगत से ठेकेदार ऐसा नहीं करते या फिर करते भी हैं तो सिर्फ खानापूर्ति. अब जरा देखिए..., ये मामला है पूर्वी चंपारण जिले का. पकड़ीदलाय ग्रामीण कार्य प्रमंडल  की तरफ से यह खेल किया गया है. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सड़क निर्माण का कार्य शुरू करने के एक दिन पहले ही कार्य समाप्त हो गई है. बजाप्ता सड़क निर्माण बोर्ड पर इसका जिक्र किया गया है. 

मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल पकड़ीदयाल की तरफ से मधुबन चकिया सड़क से रुपणी चमार टोला तक सड़क निर्माण कराई गई. कुल लंबाई 1.84 किलोमीटर, लागत 1 करोड़ 17 लाख 20 हजार बताई गई है. 5 वर्षों तक सामान्य अनुरक्षण की लागत 15 लाख 12000 रू बताई गई है. कार्य आरंभ करने की तिथि 27 सितंबर 2022 जबकि पूर्ण करने की तिथि 26 सितंबर 2022 रखी गई है. संवेदक के रूप में मेसर्स मां सिंहासनी कंस्ट्रक्शन का नाम उल्लेख किया गया है. बोर्ड पर कार्य आरंभ करने की तिथि 27 सितंबर 2022 और खत्म होने की तिथि 26 सितंबर 2022 दी गई है. भला बताइए..काम शुरू हुआ नहीं और एक दिन पहले ही खत्म..क्या ऐसा संभव है ? लेकिन असंभव को संभव किया है पकड़ीदयाल ग्रामीण कार्य प्रमंडल के इंजीनियर और संबंधित ठेकेदार ने. सिर्फ इतनी ही गलती नहीं है बल्कि कई दूसरे बड़े खेल भी किए गए हैं. 

शिवहर लोस चुनाव 2024 में ओवैसी की पार्टी से चुनाव लड़े राणा रंजीत सिंह ने इस मामले को उजागर किया है. उन्होंने ग्रामीण सड़क की पोल खोली है और मामले की शिकायत विभाग के बड़े अधिकारी से करने की बात कही है. उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि साईन बोर्ड में एक टोला का नाम मिटाया गया है. मिटाए हुए नाम  से ही सिद्ध हो रहा है की दाल में कुछ काला है. इस जगह का नाम मच्छआ है जिसको दलित टोला नाम देकर खेल किया गया है. कहीं का रोड कहीं और बना दिया जाता है. ये जांच का विषय है.आनन-फानन में कैसे बोर्ड लगाया है. बोर्ड के डेट में खुद ही फंस गए हैं. डेट दर्शाया गया है आरंभ तिथि27/09/22, काम समाप्ति की तिथि 26/09/22 ये कैसे संभव है. यहां रोड की वास्तविक जगह छोड़िए यहां डेट भी उलट पलट कर दिया जा रहा है. 

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