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गुरु जी लोग कैसे बनाएंगे हाजिरी, शिक्षा विभाग का निर्देश हुआ फुस्स, कहां फंस गया मामला,स्कूल में करना पड़ रहा यह काम..

गुरु जी लोग कैसे बनाएंगे हाजिरी, शिक्षा विभाग का निर्देश हुआ फुस्स, कहां फंस गया मामला,स्कूल में करना पड़ रहा यह काम..

पटना- बिहार सरकार का ई शिक्षा कोष ऐप लागू होते ही असफल हो गया है. शिक्षा विभाग के नए अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बड़ी शिद्दत से ऑनलाइन हाजिरी  को शुरू किया था, जो तकनीकी कमियों के कारण सफल नहीं होता दिख रहा है. शिक्षकों को ऑफलाइन मोड में  उपस्थिति बनाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऑनलाइन हाजिरी बनाने के शिक्षा विभाग के आदेश के बाद जिला से लेकर अंचल तक के अधिकतर विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिका समय से पूर्व ही स्कूल जाते देखे गये, तो वहीं शिक्षकों को एंड्रॉयड फोन से ऑनलाइन हाजिरी बनाने में व्यस्त देखा गया, लेकिन अधिकतर शिक्षक-शिक्षिकाओं को इस काम में सफलता नहीं मिल सकी. इसके बाद ऐसे शिक्षक-शिक्षिकाओं में मायूसी देखी गयी. ऐसे लोग एक दूसरे का सहारा भी लिया, मगर वे लोग हाजिरी बनाने में सफल नहीं हो सके. 

स्कूल से आउट होने के समय भी शिक्षक-शिक्षिकाओं को ऐसी ही परेशानी झेलनी पड़ी. तकनीक में कम दक्ष रहने वाले हेडमास्टरों-शिक्षकों को ज्यादा परेशानी हुई. वे लोग अपने अधीनस्थ शिक्षकों को सहयोग नहीं दे सके. ऑनलाइन हाजिरी नहीं बनने के कारण मंगलवार को बहुसंख्यक शिक्षकों ने ऑफलाइन मोड में ही अपनी हाजिरी बनायी. 

कई शिक्षकों का कहना था कि वे लोग स्कूल में मौजूद हैं, लेकिन ई-शिक्षा कोष एप पर हाजिरी नहीं बना पा रहे हैं. क्योंकि, उनको स्कूल से कई किलोमीटर दूर बता रहा है, तो कुछ शिक्षकों का कहना था कि साइट के नहीं खुलने से सुबह के आठ बजे तक वे लोग हाजिरी बनाने में असफल रहे थे. ट्रायल के पहले दिन शिक्षकों को ऑनलाइन हाजिरी बनाने में कड़वा अनुभव झेलना पड़ा, तो वहीं स्कूल में ऑनलाइन हाजिरी बनाने के दौरान शिक्षकों को होनेवाली परेशानियों की भी चर्चा सुनने को मिली. कुछ शिक्षकों का कहना था कि ऑनलाइन हाजिरी के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण जरूरी है. 

बता दें बिहार शिक्षा विभाग के निर्देश पर मंगलवार को ऑनलाइन हाजिरी बनाने में कुछ शिक्षक ही सफल हो सके. विभाग ने शिक्षकों को 25 जून से ई शिक्षा एप पोर्टल पर ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने का निर्देश दिया था.

बहराहल मंगलवार की सुबह जब शिक्षक पोर्टल खोलने लगे तो किसी का आईडी पासवर्ड इनवैलिड बता रहा था तो किसी के मोबाइल पर पोर्टल नहीं खुल रहा था. कुछ शिक्षकों ने पोर्टल खोला तो उनके विद्यालय का लोकेशन गलत बता रहा था. इस वजह से अधिकतर शिक्षकों ने ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं बनाया. उन्हें पुरानी विधि से रजिस्टर पर हाजिरी बनानी पड़ी.


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