बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

दाल का कटोरा मोकामा टाल के किसान होंगे कृषि नवाचार से लैस, कृषि विकास पर हुआ वैज्ञानिक-कृषक संगोष्ठी

दाल का कटोरा मोकामा टाल के किसान होंगे कृषि नवाचार से लैस, कृषि विकास पर हुआ वैज्ञानिक-कृषक संगोष्ठी

पटना. बिहार को दाल का कटोरा की पहचान दिलाने वाले मोकामा टाल में कृषि विकास के नव अवसरों पर एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा मोकामा के श्री कृष्ण गौशाला में वैज्ञानिक-कृषक संगोष्ठी एवं प्रक्षेत्र दिवस आयोजित किया गया. संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास के नेतृत्व में वैज्ञानिकों के दल ने किसानों को खेती के समय आने वाली परेशानी और उसके समाधान पर व्यापक चर्चा की. साथ ही उपज को बेहतर बनाने, खेती में आधुनिक नवाचार और फसलों को मौसम जनित समस्याओं से बचाने को लेकर वैज्ञानिकों ने अहम सुझाव दिया. 

वहीं कृषि लागत कम करने और किसानों की आमदनी बढ़ाने पर डॉ. अनुप दास ने कृषकों को कई अहम सुझाव दिए. साथ ही किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया जिससे मोकामा टाल के लाखों किसानों को लाभ होगा. डॉ. दास ने बाढ़ के पहले, बाढ़ के बाद एवं बाढ़ के समय टाल क्षेत्र के कृषि विकास हेतु वैकल्पिक तकनीक के बारे में किसानों के साथ परिचर्चा की. 

गौशाला के सचिव चंदन कुमार ने बताया कि किसानों ने मोकामा टाल में बाढ़ का पानी निकलने में देरी होने से फसल बुआई में देरी, मिटटी में नमी की मात्रा अधिक होने से आने वाली परेशानी, खर-पतवार की समस्या, तकनीक आधारित खेती में मदद को लेकर अपनी जिज्ञासायें रखी. इस पर कृषि वैज्ञानिकों ने उचित समाधान और तकनीक आधारित खेती से किसानों की आय बढ़ाने और समस्याओं में कमी लाने पर कई अहम सुझाव दिए. 

कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. संजीव कुमार, प्रभागाध्यक्ष, फसल अनुसंधान के स्वागत भाषण से शुरू हुआ.  डॉ. कुमार ने समेकित कृषि प्रणाली और दलहन फसलों में खरपतवार प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी दी. डॉ. उज्ज्वल कुमार, प्रभागाध्यक्ष, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार प्रभाग ने दलहन उत्पाद की ब्रांडिंग एवं इससे संबंधित महत्वपूर्ण विषयों के बारे में बताया. डॉ. ए. के. चौधरी, प्रधान वैज्ञानिक ने दलहन फसल उत्पादन से संबंधित विभिन्न विषयों एवं दलहन बीज शुद्धिकरण के महत्त्व पर जोर दिया. डॉ. राकेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने ग्रीष्मकालीन मूँग एवं बेबी कॉर्न के बारे में किसानों को बताया. डॉ. कुमारी शुभा, वैज्ञानिक ने विशेषकर महिला किसानों को पोषण वाटिका के बारे में बताया. डॉ. अभिषेक कुमार दूबे, वैज्ञानिक ने दलहन फसलों में रोग-व्याधि के प्रबंधन के बारे विस्तृत जानकारी दी. चंदन कुमार ने सभी का स्वागत किया. साथ ही शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया.  संगोष्ठी में बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे. 

Suggested News