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करोड़ों में बिका टिकट ? चिराग की पार्टी में फिर मची भगदड़...सेकेंड लाइन के तमाम नेताओं ने LJP(R) सुप्रीमो पर एक साथ बोला हमला... 2020-21 वाली स्थिति में पहुंचने वाली है पार्टी

करोड़ों में बिका टिकट ? चिराग की पार्टी में फिर मची भगदड़...सेकेंड लाइन के तमाम नेताओं ने LJP(R) सुप्रीमो पर एक साथ बोला हमला... 2020-21 वाली स्थिति में पहुंचने वाली है पार्टी

PATNA:  लोजपा (रामविलास) में एक बार फिर से भगदड़ मच गई है. लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे से क्षुब्ध पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आज सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया. चिराग पासवान की पार्टी के सेकेंड लाइनर अधिकांश नेताओं ने चिराग पापसवान पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दिया. दरअसल, चिराग पासवान ने अपने बहनोई के साथ-साथ बाद तीन वैसे नेताओं को टिकट दिया, जिससे दल के अंदर भारी आक्रोश पनपा .इसके बाद पार्टी के लिए दिन-रात लगे रहने वाले नेताओं ने सुप्रीमो पर टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की घोषणा कर दी.  

बड़े नेताओं ने दिया इस्तीफा 

लोजपा(रामविलास) के वरिष्ठ नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपने नेता चिराग पासवान की नीतियों पर बड़ा हमला बोला. नेताओं ने कहा कि पार्टी के लिए समर्पित नेताओं की जगह पैसे लेकर बाहरी को उम्मीदवार बना दिया गया. इस्तीफा देने वालों में प्रदेश संगठन मंत्री इंजीनियर रविंद्र सिंह, पूर्व मंत्री और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु कुशवाहा, पूर्व विधायक व राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुमार,मुख्य विस्तारक अजय कुशवाहा समेत दर्जन नेता शामिल हैं. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इन नेताओं ने चिराग पासवान पर करोड़ों रुपए लेकर टिकट बेचने का आरोप लगाया. नेताओं ने साफ कहा कि जिन लोगों ने पार्टी को खड़ा करने में समय और मेहनत किया उनके साथ धोखा किया गया है. ईमानदारी से काम करने वालों को दरकिनार कर पैसे लेकर टिकट दिए गए हैं. प्रेस कांफ्रेंस में चिराग पासवान के विक्षुब्ध नेताओं ने सीधा आरोप लगाया कि खगड़िय़ा, समस्तीपुर और वैशाली की सीट बेची गई है. बड़ा डील हुआ है. बिना संगठन की सहमति के ही टिकट दिया गया है. हालांकि चिराग पासवान की पार्टी ने इन आरोपों को खारिज किया है. पार्टी के प्रवक्ता विनीत सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी में कोई भी निर्णय लोकतांत्रिक तरीके से लिया जाता है. उम्मीदवारों का चयन पार्लियामेंट्री बोर्ड ने किया है, अंतिम निर्णय चिराग पासवान ने लिया है. 

चिराग की पार्टी ने तीनों सीटें बेच दी ? 

बिहार में जिस नेता के ठिकानों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी होती है, भाजपा व उनके सहयोगी दल टिकट देकर उन्हें चुनावी मैदान में उतार देते हैं. विधान परिषद के बाद अब लोकसभा चुनाव में भी ऐसा ही हुआ है. भाजपा भले ही भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खात्मे की बात करती हो, टैक्स चोरी करने वालों को नहीं बख्शने की बात करती हो, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है. भाजपा हो या एनडीए के सहयोगी दल, जिस नेता के ठिकानों पर केंद्रीय जांच एजेंसियां छापेमारी करती हैं, उन्हें भाजपा या लोजपा टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार दिया जाता है. विपक्षी दल ऐसा करते हैं तो लोजपा-भाजपा-जेडीयू के नेता सवाल खड़े करते हैं. यानि सत्ताधारी गठबंधन के लिए सबकुछ जायज है. बिहार विधान परिषद चुनाव (Local Bodies) में भाजपा ने ऐसा ही किया था.बिहारवासी आज भी इस बात को भूले नहीं हैं. अब लोकसभा चुनाव में सहयोगी दल के नेता चिराग पासवान ने यही काम किया है. 2022 में जिस नेता राजेश वर्मा के व्यवसायिक ठिकानों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापेमारी की थी, लोजपा(रामविलास) ने उन्हें खगड़िया से प्रत्याशी बना दिया. 

चिराग के उम्मीदवार राजेश वर्मा के ठिकानों पर आईटी ने की थी छापेमारी 

अगस्त 2022 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम ने भागलपुर में ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. इस दौरान इनकम टैक्स के रडार पर भागलपुर के पूर्व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा थे. राजेश वर्मा चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) की ओर से 2020 में विस प्रत्याशी रह चुके थे. तब भागलपुर जिला के जिलाध्यक्ष थे. इनकम टैक्स विभाग की टीम ने उनके आवास और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की थी. न सिर्फ भागलपुर में बल्कि पूर्णिया में भी आयकर टीम ने लोजपा नेता राजेश वर्मा के रजनी चौक स्थित हरि ओम लक्ष्मी नारायण ज्वेलर्स में रेड की थी. राजेश वर्मा के झारखंड के देवघर स्थित स्वर्ण आभूषण के दुकान पर भी आयकर विभाग का छापा पड़ा है. आयकर की टीम ने टैक्स चोरी करने के मामले में कार्रवाई की थी. जांच एजेंसी को इनपुट मिला था कि लोजपा नेता राजेश वर्मा का प्रतिष्ठान टैक्स चोरी कर रहा है. इसके बाद कई ठिकानों पर एक साथ रेड की गई थी. 

चिराग की पसंद संघर्ष के साथी नहीं..बल्कि बड़े कारोबारी 

बता दें, एनडीए में सीट बंटवारे में चिराग पासवान को पांच सीटें मिली हैं. इनमें हाजीपुर, जमुई और समस्तीपुर सुरक्षित सीटें हैं. वहीं वैशाली और खगड़िया की सीटें भी खाते में आई हैं. चिराग पासवान ने खगड़िया सीट से सीटिंग सांसद चौधरी महबूब अली कैसर का टिकट काट दिया. वजह था कि कैसर पाला बदलकर चाचा के खेमे में चले गए थे. चिराग ने इस सीट से भागलपुर के कारोबारी राजेश वर्मा को टिकट दे दिया है. ये वही राजेश वर्मा हैं जिनके ठिकानों पर टैक्स चौरी के मामले में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापेमारी की थी. छापे के बाद चिराग पासवान ने उन्हें लोकसभा का टिकट दे दिया. वैसे खगड़िया लोकसभा सीट पर चिराग की पार्टी में कई वरिष्ठ दावेदार थे. पूर्व सांसद रेणू कुशवाहा सबसे मजबूत कैंडिडेट थी, इसके अलावे कई अन्य नेता रेस में थे. लेकिन चिराग पासवान की पसंद बने भागलपुर के कारोबारी राजेश वर्मा. राजेश वर्मा को टिकट दिए जाने के बाद न सिर्फ लोजपा(रामविलास) के कई नेता भौंचक हैं, बल्कि भाजपा के नेता भी खेल को समझ रहे हैं. हालांकि गठबंधन है, लिहाजा सामने से कुछ बोल नहीं रहे. 

वैसे, 2020 में भागलपुर विस चुनाव के दौरान लोजपा प्रत्याशी रहे राजेश वर्मा का भाजपा के कद्दावर नेता व सांसद निशिकांत दूबे से विवाद हो गया था. सबलोगों ने इस विवाद को देखा-सुना था. निशिकांत दुबे का कथित आडियो खुद लाेजपा प्रत्याशी रहे राजेश वर्मा ने अपने साेशल मीडिया पर जारी किया था। वायरल ऑडियाे में सांसद निशिकांत कह रहे हैं कि राजेश वर्मा सार्वजनिक रूप से माफी मांगें.साेना-चांदी बेचते-बेचते नेतागिरी करने लगा है। हमको शहनवाज हुसैन और अश्विनी चौबे नहीं समझे। ऑडियो के बाद भाजपा सांसद ने राजेश वर्मा को खूब सुनाया था. मामला काफी बढ़ा भी था. 

गौरतलब है कि 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लोजपा को छह सीटें दी थी. छह में तीन हाजीपुर, जमुई और समस्तीपुर सुरक्षित सीटें थी. तब रामविलास पासवान ने तीनो सुरक्षित सीटें अपने बेटे और दोनों भाइयों के बीच बांट दी थी. साल 2019 लोस चुनाव में हाजीपुर से पशुपति पारस, समस्तीपुर से रामचंद्र पासवान और जमुई से चिराग पासवान ने जीत दर्ज की थी. 2024 चुनाव में भी ये तीनों सीटें चिराग के पास हैं. इनमें हाजीपुर से स्वयं लड़ेंगे, जमुई से जीजा को लड़ा रहे हैं, समस्तीपुर से नीतीश कैबिनेट में मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को उतारा है. अशोक चौधरी दलित हैं, लिहाजा इनकी बेटी को चिराग पासवान ने समस्तीपुर सीट से चुनावी मैदान में उतार दिया है. संघर्ष के साथियों को टिकट देने की बजाय बाहरी को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद चिराग पासवान कटघरे में हैं. कहा जा रहा है कि लोजपा रामविलास ने संघर्ष के साथियों को टिकट नहीं दिया. न तो दल के वरिष्ठ नेता अरूण कुमार को ही टिकट दिया, न रेणू कुशवाहा को, और न ही लोजपा(रामविलास) से जुड़े किसी दलित नेता को ही चुनावी मैदान में उतारा. टिकट दिया पाला बदलने वाली वीणा सिंह को, जेडीयू कोटे के वरिष्ठ मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को और अपने बहनोई को. वैसे चिराग पासवान ने इस बार मुसलमान को भी साफ कर दिया. कभी रामविलास पासवान के मुसलमान प्रेम की जिद की वजह से सरकार नहीं बन पाई थी और बिहार विधानसभा का चुनाव कराना पड़ा था. अब उनके पुत्र चिराग पासवान ने लोकसभा टिकट बंटवारे में मुसलमानों को ही साफ कर दिया





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