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दीपावली पर अमावस्या का अद्भुत संयोग, 30 या 31 अक्टूबर? जानिए किस दिन मनाई जाएगी दीपावली

दीपावली पर अमावस्या का अद्भुत संयोग, 30 या 31 अक्टूबर? जानिए किस दिन मनाई जाएगी दीपावली

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में अमावस्या तिथि दो दिन होने से दीपावली को लेकर लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है। इस पवित्र पर्व पर अमावस्या तिथि प्रदोष काल एवं रात्रि में व्याप्त होने पर ही दीपावली मनाई जाती है। इस बार प्रदोष व रात्रि व्यापिनी अमावस्या में 31 अक्तूबर यानी गुरुवार को दीपोत्सव का महापर्व दीपावली मनाया जाएगा। इस दिन सनातन धर्मावलंबी अपने घर, ऑफिस, और कारखानों में मां महालक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना करेंगे और धन, वैभव, एवं ऐश्वर्य की कामना करेंगे।


अमावस्या तिथि का महत्व

दीपावली के दिन अमावस्या तिथि दोपहर 03:23 बजे से शुरू होकर अगले दिन शाम 05:24 बजे तक रहेगी। इस समय के दौरान पूजा करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इस दिन शुभ-लाभ के लिए गणेश-लक्ष्मी के साथ कुबेर व सरस्वती, पंचदेव, नवग्रह सहित गणेश-अम्बिका का पूजन करने की परंपरा है। इस समय की गई पूजा से भक्तों को विशेष लाभ प्राप्त होता है।


चित्रा नक्षत्र में दीपावली का पर्व

कार्तिक कृष्ण प्रदोष व्यापिनी अमावस्या में 31 अक्तूबर को दीपोत्सव का पर्व चित्रा नक्षत्र एवं विष्कुंभ योग में मनाया जाएगा। ग्रह-नक्षत्रों के शुभ योग एवं संयोग के चलते यह पर्व सुख-समृद्धि का प्रतीक बनता है। इस नक्षत्र में लक्ष्मी-गणेश की पूजा एवं अन्य धार्मिक कृत्य करने से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएँ जल्द पूर्ण होती हैं, और सफलता की चमक बढ़ती है।


सकारात्मक ऊर्जा का संचार

दीपावली का पर्व केवल धार्मिक आस्था का नहीं, बल्कि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। पांच दिवसीय दीपोत्सव के तहत घर, मंदिर, एवं पूजा स्थल में घी या तेल का दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का ह्रास होता है, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे घर के सदस्यों को यश एवं प्रसिद्धि मिलती है। विशेष रूप से, देवी लक्ष्मी की पूजा में उत्तर दिशा में दीपक रखने से धन-संपदा, ऐश्वर्य, मानसिक शांति, और उन्नति होती है।


मिट्टी के दीपक का महत्व

दिवाली में केवल मिट्टी के दीपक जलाने की सलाह दी जाती है। पंच तत्वों के मिश्रण से तैयार ये दीपक आध्यात्मिक मायने में बहुत ही पवित्र होते हैं। इसमें जल तत्व का मिश्रण कर आकाश के नीचे वायु तत्व में सुखाकर अग्नि तत्व में पकाया जाता है। मिट्टी के दीपक जलाने से शौर्य एवं पराक्रम में वृद्धि होती है, साथ ही पारिवारिक सुख एवं समृद्धि भी बढ़ती है। इस बार की दीपावली विशेष मायनों में महत्वपूर्ण है, जहां एक ओर अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, वहीं दूसरी ओर ग्रह-नक्षत्रों का शुभ संयोग भी इस पर्व को खास बनाता है। इस दीपावली पर दी गई विशेष पूजा, दीपक जलाने, और अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने से आप न केवल अपने लिए, बल्कि अपने परिवार के लिए भी सुख-समृद्धि की कामना कर सकते हैं।

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