PATNA : देश में लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज गयी है। अगले दो दिनों में बिहार के चार लोकसभा सीटों जमुई, गया, नवादा और औरंगाबाद में चुनाव प्रचार का शोर थम जायेगा। इसके मद्देनजर अलग अलग दलों के प्रत्याशियों ने जोर आजमाईश शुरू कर दिया है। इस बीच आज आपको ऐसे बिहार के ऐसे लोकसभा सीट की जानकारी देने जा रहे हैं। जहाँ 10 बार हुए लोकसभा चुनाव में बाहरी उम्मीदवार की चुनाव जीतने में कामयाब हो सके। यह बिहार का मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट है। जहाँ के मतदाता हमेशा बाहरी उम्मीदवारों को ही गले लगाते रहे हैं।
सबसे पहले बात करते हैं 1957 में हुए लोकसभा चुनाव की। जब गुजरात से अशोक रणजीत राम मेहता आये। इसी साल मेहता यहाँ से चुनाव जीत गए। इसके बाद मैंगलोर के मूल निवासी जॉर्ज फर्नांडिस को मुजफ्फरपुर की जनता ने सिर-आंखों पर चढ़ाकर रखा।1977 के बाद 1984 के चुनाव को छोड़ दें तो मुजफ्फरपुर में कांग्रेस यहां कभी जीत दर्ज नहीं कर सकी।
जार्ज फर्नांडीस यहां से सबसे अधिक पांच टर्म सांसद रहे। वर्ष 2009 में किसी दल से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय मैदान में उतरे। लेकिन जमानत भी नहीं बचा सके। उनके बाद यह सीट ‘निषाद परिवार’ के पास चली गई। इस सीट पर 2009 में हुए चुनाव में NDA प्रत्याशी के तौर पर हाजीपुर के जदयू के कैप्टन जयनारायण निषाद ने एलजेपी के भगवान लाल सहनी को हराकर जीत दर्ज की। वहीं 2014 में कैप्टन जयनारायण निषाद के पुत्र और बीजेपी कैंडिडेट अजय निषाद ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया और कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह को करारी मात दी।
2019 की बात करें तो एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर हाजीपुर के अजय निषाद ने वीआईपी के रोसड़ा निवासी राजभूषण चौधरी को हराकर एक बार फिर कमल खिलाया। अब 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अजय निषाद का टिकट काट दिया है। जिस राजभूषण चौधरी को हराकर अजय निषाद सांसद बने थे। बीजेपी ने टिकट काटकर चौधरी को टिकट थमा दिया। राजभूषण चौधरी भी समस्तीपुर जिले के रहनेवाले हैं।
वंदना शर्मा की रिपोर्ट