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पत्नी की शिकायत पर पति के सलाहकार को निचली अदालत ने सुनाई सजा, पटना हाईकोर्ट ने किया बरी, न्यायिक अधिकारियों पर लगाया जुर्माना

पत्नी की शिकायत पर पति के सलाहकार को निचली अदालत ने सुनाई सजा, पटना हाईकोर्ट ने किया बरी, न्यायिक अधिकारियों पर लगाया जुर्माना

PATNA : पटना हाईकोर्ट में दहेज एवं वैवाहिक उत्पीड़न की शिकायत पर दायर हुए परिवाद में शिकायतकर्ता पत्नी ने एक ऐसे व्यक्ति को सह आरोपी बनाया था,जिसका उसके पति या ससुराल से कोई पारिवारिक रिश्तेदारी नही थी,बल्कि उसे पति के सलाहकार कहा गया था। फिर भी निचली अदालतों ने इस आरोपी के खिलाफ आरोपों पर संज्ञान लेकर उसे दोषी करार देते हुए तीन साल कैद एवं जुर्माने की सजा सुनाया। 

पटना हाई कोर्ट ने निचली अदालतों के लापरवाही रवैये पर हैरानी जताते हुए न सिर्फ इस आरोपी को मुक्त किया, बल्कि उसे सजा देने तत्कालीन अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी रामानंद राम एवं उनके फैसले को अपील में  कायम रखने समस्तीपुर के तत्कालीन अपर सत्र न्यायाधीश हनुमान प्रसाद तिवारी को एक एक सौ रुपए बतौर मुआवजा राशि देने का आदेश दिया। कोर्ट ने अगले तीन हफ्ते में समस्तीपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के दफ्तर में जमा करने का निर्देश दिया है। 

जस्टिस विवेक चौधरी ने सुनील पंडित की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका स्वीकृत करते हुऐ फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने फैसले में सुनील को अपराधिक मामले से बरी करते हुए कहा की निचली अदालतों की लापरवाही से याचिकाकर्ता के खिलाफ अपराध का मुकदमा चला, जो कानूनी तौर पर सुनील के खिलाफ संचालित करने का था। 

ऐसी लापरवाही के कारण उसे बेवजह अपराधिक मामले में मानसिक रूप से उत्पीड़ित होना पड़ा। हाईकोर्ट ने कहा की ये मुआवजे की राशि छोटी है,लेकिन उन दोनो न्यायिक पदाधिकारियों को याद दिलाने के लिए है कि हर कोर्ट की यह जरूरी ड्यूटी होती है कि परिवाद में लगाए गए आरोपों पर संज्ञान लेने से पहले कोर्ट को उक्त परिवाद पत्र को ध्यान देकर पढ़ना चाहिए।

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