DESK: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए चार साल से ज्यादा हो चुका है। वहीं इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं भी दायर की गई है। वहीं आज यानी सोमवार का दिन अनुच्छेद 370 के लिए अहम माना जा रहा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाने वाली है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ अपना फैसला सुनाएगी। वहीं इस फैलसे के आने से पहले बीजेपी ने भी लोगों से खास अपील की है।
बीजेपी के जम्मू-कश्मीर यूनिट के प्रमुख रविंद्र रैना ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट या उसके फैसले पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए और उसके फैसले का पूरे देश को सम्मान करना चाहिए। वहीं सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के कारण किसी भी तरह के तनाव और संभावित संघर्ष के लिए पूरे जम्मू-कश्मीर में तैयारी की जा रही है। पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है और सेना के जवान भी अलर्ट पर हैं। वहीं दूसरी ओर देशभर में राजनीतिक नेताओं की तरफ से इस मुद्दे पर बयानबाजी का सिलसिला भी जारी है।
मालूम हो कि, सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 पर पांच जजों की संवैधानिक पीठ सुनवाई करगी। पांच जजों की पीठ में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पांच सितंबर को इस मामले में अपना फैसला 11 दिसंबर के लिए सुरक्षित रख लिया था। देशभर की निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं कि आज सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला होने वाला है। वहीं आज के फैसले से ही जम्मू कश्मीर के आगे का भविष्य तय होगा।
गौरतलब हो कि, केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का ऐलान किया था। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था। इसके लिए सरकार की तरफ से 'जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून', 2019 लाया गया था, जिसे ही चुनौती दी गई है।