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भ्रष्ट अंचलाधिकारियों पर चलेगा नीतीश सरकार का डंडा, 90 सीओ के खिलाफ चल रही जांच, जरुरत पड़ी तो ईओयू से ली जाएगी मदद

भ्रष्ट अंचलाधिकारियों पर चलेगा नीतीश सरकार का डंडा, 90 सीओ के खिलाफ चल रही जांच, जरुरत पड़ी तो ईओयू से ली जाएगी मदद

PATNA: बिहार के सुशासन बाबू नीतीश कुमार भ्रष्ट अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई करेंगे। नीतीश सरकार अब भ्रष्ट अंचलाधिकारी और राजस्व पदाधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। भ्रष्टाचार के आरोपी राज्य के पदाधिकारियों की अवैध संपत्ति जब्त की जाएगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग अवैध तरीके से अर्जित की गई उनकी संपत्ति की जांच अपने स्तर से कराएगा। वहीं अगर जरूरत पड़ी तो बिहार आर्थिक अपराध इकाई भी इस मामले में जांच कर सकती है।  

बता दें कि अभी 90 से ज्यादा सीओ के खिलाफ जांच चल रही है। हाल के दिनों में बिहार के करीब तीन दर्जन अंचलाधिकारी किसी न किसी आरोप में जांच के दायरे में हैं। इसके अलावा पहले से 90 से अधिक अंचलाधिकारियों के खिलाफ किसी न किसी आरोप में जांच विभागीय स्तर पर चल रही है। ज्यादातर के खिलाफ पद के दुरुपयोग की शिकायतें हैं। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

भ्रष्टाचार के प्रमाण मिले तो इनकी भी संपत्ति जब्त होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने यह भी कहा कि पहले से जिन सीओ पर आरोप गठित या विभागीय कार्रवाई चल रही है, उन सभी के मामले की भी समीक्षा चल रही है।  विभाग ने सभी सीओ और डीसीएलआर के कार्यों की समीक्षा भी शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि इनके कार्यकलापों पर पैनी रखी जाएगी। जो भी गड़बड़ी करते पकड़े गए उन पर सख्त कार्रवाई होगी।

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने सोमवार को इससे संबंधित आदेश जारी किया। विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम की शुरुआत करते हुए सोमवार को सुपौल के दो निवर्तमान सीओ के खिलाफ कार्रवाई की गई। उन पर पद का दुरुपयोग कर अवैध कमाई करने के आरोप हैं। सुपौल के तत्कालीन सह भागलपुर जिला के इस्माइलपुर के वर्तमान सीओ प्रिंस राज तथा इसी अंचल से सेवानिवृत हो चुके पूर्व सीओ प्रभाष नारायण लाल पर गाज गिरी है।

प्रिंस राज को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय शुरू कर दी गई है, जबकि सेवानिवृत्त प्रभाष नारायण लाल के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने का आदेश दिया गया है। इन दोनों पदाधिकारियों ने सुपौल में सरकारी या गैर-मजरूआ आम जमीन के करीब 50 प्लॉट का दाखिल-खारिज कर गलत तरीके से निजी लोगों को बंदोबस्ती कर दी थी। एवज में लाखों रुपये अवैध तरीके से लेने का आरोप दोनों पर है। अब इनकी अवैध संपत्ति की भी जांच होगी। 

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