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बिहार में लोजपा रा में टूट के कयास पर भारी बवाल! पशुपति को अमित शाह ने बुलाया? क्या नप जायेंगे चिराग या बस! गिरेगी गाज या..क्या होगा?

बिहार में लोजपा रा में टूट के कयास पर  भारी बवाल!  पशुपति को अमित शाह ने बुलाया? क्या नप जायेंगे चिराग या बस!  गिरेगी गाज या..क्या होगा?

पटना- केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) में टूट के कयास से बिहार की राजनीति का पारा चढ़ा हुआ है. इसके बाद चिराग के पांचों  सांसद एक के बाद एक वीडियो जारी कर टूट के दावे को खारिज कर रहे हैं.क्या रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी  के पांच सांसदों के 2021 में टूटने के बाद बनी चिराग पासवान की लोजपा-रामविलास भी टूटने वाली है? राष्ट्रीय जनता दल  के विधायक मुकेश रोशन के दावे ने हलचल बढ़ा दी है कि चिराग के तीन सांसद भारतीय जनता पार्टी  में शामिल हो सकते हैं. राजद विधायक ने कहा कि चिराग जब-जब आंख दिखाते हैं, उनका इलाज शुरू हो जाता है. 

चिराग पासवान की पार्टी लोजपा-आर के पांच सांसद हैं. चिराग खुद, उनके बहनोई अरुण भारती, वीणा सिंह, राजेश वर्मा और शांभवी चौधरी एमपी हैं.आरजेडी एमएलए दावा कर रहे हैं की तीन सांसद पार्टी छोड़ सकते हैं. 

खुद को पीएम नरेंद्र मोदी का हनुमान कहने वाले चिराग पासवान ने केंद्र में मंत्री बनने के बाद से अब तक चार अहम विषयों पर  सरकार का साथ नहीं दिया है. एससी-एसटी के आरक्षण में सब-कोटा पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का वो विरोध कर रहे हैं. लेटरल एंट्री के जरिए नियुक्ति का भी चिराग ने विरोध किया जिसे बाद में सरकार ने रद्द कर दिया. वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लोजपा-आर ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में भेजने की वकालत की. जाति जनगणना पर भी वो विपक्ष के सुर में सुर मिला रहे हैं. एक के बाद एक कई मसलों पर अपनी सरकार के साथ खड़े नहीं नजर आए चिराग को लेकर एक राजनीतिक भ्रम पैदा हो रहा है कि लोजपा-आर किस तरफ बढ़ रही है. इससे केंद्र की मोदी सरकार की किरकिरी हो रही थी. 

चिराग जब मोदी सरकार पर आंखें तरेरना शुरु किया तो भाजपा ने भी नकेल कसनाशुरु किया. एनडीए में अलग-अलग पड़े चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को भाजपा ने भाव देना शुरु किया. पारस बिहार प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल उनसे उनके कार्यालय में जाकर मिले. इसके तुरंत बाद पारस को अमित शाह का दिल्ली से बुलावा आ गया. पारस ने अपने दूसरे भतीजे पूर्व सांसद प्रिंस राज के साथ अमित शाह से मुलाकात की. इसके साथ ही यह अफवाह उड़ी कि एलजेपीआर के तीन सांसद चिराग का साथ छोड़ सकते हैं.

इससे चिराग पासवान धरातल पर आते दिखे और गृहमंत्री के घर पहुंच गए मिलने. चिराग पटना आए तो उनका सुर बदल गया था. वे उन मुद्दों पर मोदी के साथ दिखे, जिनकी उन्होंने विपक्षी सुर में सुर मिला कर आलोचना की थी.

चिराग को इतने पर हीं भाजपा ने नहीं बख्सा. एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसी याचिका लगा दी, जो उनके राजनीतिक करियर को बर्बाद  करने के लिए काफी होगा. चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने और जानकारी छिपाने का उन पर आरोप है. याचिका में चिराग पर अपने खिलाफ दर्ज रेप केस, जमीन और पढ़ाई संबंधी ब्योरे छिपाने या गलत जानकारी देने की बात है।.अगर ये बातें सच पाई गईं तो चिराग की लोकसभा सदस्यता भी जा सकती है. 

हालाकि भाजपा चिराग के पार्टी को तोड़ने का कलंक अपने माथे लेना शायद हीं पसंद करे लेकिन पशुपति पारस को भाव देकर उनके पर को कतर तो दिया हीं है.

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